Move to Jagran APP

चपरासी की देखभाल में चल रहा पशु अस्पताल

तहसील मुख्यालय के आस पास सैकड़ों गांवों के पशु पालक अपने पशुओं के बेहतर उपचार के लिए यहां पहुंचते हैं। उन्हें तब निराशा हाथ लगती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 11:36 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 11:36 PM (IST)
चपरासी की देखभाल में चल रहा पशु अस्पताल
चपरासी की देखभाल में चल रहा पशु अस्पताल

अमेठी : दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर सरकारी दावा महज कागजी साबित हो रहा है। गर्भाधान, टीकाकरण व उपचार के लिए पशु चिकित्सालयों में न डाक्टर हैं न फार्मासिस्ट। पशु अस्पतालों की हालत खराब है। क्षेत्र के ज्यादातर पशु अस्पतालों का यही हाल है। तहसील मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय में पांच सालों से फार्मासिस्ट व दो साल से चिकित्सक की तैनाती नहीं हो सकी है।

loksabha election banner

तहसील मुख्यालय के आस पास सैकड़ों गांवों के पशु पालक अपने पशुओं के बेहतर उपचार के लिए यहां पहुंचते हैं। उन्हें तब निराशा हाथ लगती है। जब कोई चिकित्सक व जिम्मेदार मौजूद नहीं मिलता है। स्टाफ के नाम पर महज एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की तैनाती है। यहां शंकरगंज अस्पताल के चिकित्सक पीके वर्मा के पास अतिरिक्त प्रभार है। तिलोई आने वाले पशु पालकों को शंकरगंज व शंकरगंज आने वाले पशु पालकों को डाक्टर के तिलोई में होने की बात कह कर चलता करते हैं। पशु पालक राम आसरे, दुर्योधन, अहोरवा दीन, राजवती, दीनानाथ ने बताया कि पशुओं का उपचार व गर्भाधान कराने के लिए यहां कभी स्टाफ नहीं मिलता है।

एक फार्मासिस्ट पर तीन अस्पतालों का जिम्मा : शंकरगंज कस्बे में तैनात फार्मासिस्ट महेंद्र कुमार प्रियदर्शी पर तिलोई व फुरसतगंज का अतिरिक्त प्रभार है। जिनकी मौजूदगी का अलग अलग दिन तय है।

अस्पतालों में दवाओं का टोटा : इन दिनों सरकारी अस्पतालों में प्रजनन से लेकर साधारण दवाओं तक का टोटा है। यहां तक कि कुटकी की दवा भी पशुपालकों को नहीं मिल रही है।

जिम्मेदार के बोल : पशु चिकित्साधिकारी डा. पीके वर्मा स्टाफ व दवाओं की कमी को स्वीकार करते हैं। उनका कहना है कि प्रकरण से विभाग अवगत है। जल्द ही स्टाफ की कमी दूर होगी।

वहीं उपजिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा कि समय समय पर पशु चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है फिर भी लापरवाही में सुधार नहीं हो रहा है जिनके खिलाफ विभागीय लिखा पढ़ी कर कार्यवाही कराई जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.