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विमानन विश्वविद्यालय में भी जमीन का पेच

अमेठी : जमीन का जिन्न अमेठी का पीछा नहीं छोड़ रहा है। सम्राट साइकिल और वोकेशनल ट्रेि

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 12:02 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jan 2018 12:02 AM (IST)
विमानन विश्वविद्यालय में भी जमीन का पेच
विमानन विश्वविद्यालय में भी जमीन का पेच

अमेठी : जमीन का जिन्न अमेठी का पीछा नहीं छोड़ रहा है। सम्राट साइकिल और वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर के बाद अब राजीव गांधी विमानन विश्वविद्यालय की जमीन को लेकर भी पेच सामने आ गया है। इसके अनुसार इंदिरा गांधी उड़ान अकादमी (इग्रुआ) के निष्कासित ट्रेनी पायलट ने उपजिलाधिकारी तिलोई को शिकायती पत्र देते हुए संस्थान के डायरेक्टर द्वारा अवैध ढंग से इग्रुआ की 25 एकड़ से अधिक जमीन विमानन विश्वविद्यालय के नाम कर देने का आरोप लगाया है। मामले की शिकायत के बाद तिलोई तहसील प्रशासन भी सकते में आ गया है। प्रशासन ने शिकायत को प्रथम दृष्टया सही मानते हुए जांच शुरू कर दी है।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने 12 अप्रैल 1985 को रायबरेली जिले की तिलोई तहसील की ब्रहम्नी व सैंबसी ग्राम पंचायतों में 167 एकड़ जमीन गजट प्रकाशित कर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के नाम आवंटित की थी। गजट के अनुसार यह जमीन पूरी तरह से अहस्तानांतरणीय है। जबकि, इग्रुआ के डायरेक्टर ने आठ जुलाई 2016 को 26.36 एकड़ जमीन राजीव गांधी विमानन विश्वविद्यालय के नाम खुद को उक्त जमीन का मालिक बताते हुए बिना शासन की अनुमति के लीज पर दे दी। इग्रुआ की ओर से निदेशक विनोद कुमार वर्मा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी डीके महेश व राजीव गांधी विमानन विश्वविद्यालय की ओर से नागरिक विमानन मंत्रालय की वरिष्ठ आर्थिक सलाहाकार डा. रेनू सिंह परमार व विमानन विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर नलिन टंडन के बीच तिलोई तहसील के उपनिबंधन कार्यालय में एक रुपये के किराये पर 99 वर्षो के लिए लीज पर जमीन देने का अनुबंध हुआ। शिकायतकर्ता ट्रेनी पायलट अनुपम वर्मा की मानें तो 8 जुलाई 2016 से पहले ही उक्त भूमि पर विमानन विश्वविद्यालय के परिसर का निर्माण हो गया था।

अनुपम व प्रबंधन में है विवाद

इंदिरा गांधी उड़ान अकादमी में पायलट की ट्रेनिंग लेने के लिए उन्नाव जिले के भाउमऊ असोहा निवासी अनुपम वर्मा ने 25 जुलाई 2015 को दाखिला लिया। 15 दिसंबर 2016 को उसे पढ़ने में अयोग्य मानते हुए अकादमी से निकाल दिया गया। निष्कासित ट्रेनी पायलट की तहरीर पर 12 जनवरी 2018 को जिले की फुरसतगंज कोतवाली में उड़ान अकादमी के निदेशक विनोद कुमार वर्मा समेत तीन अधिकारियों पर धोखाधड़ी व एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। 20 जनवरी को अनुपम ने एसडीएम तिलोई से मिलकर इग्रुआ निदेशक द्वारा गलत तरीके से विमानन विश्वविद्यालय को जमीन देने का आरोप लगाया।

इग्रुआ में पायलट ट्रेनिंग और विश्वविद्यालय में होगी एविएशन की पढाई

इंदिरा गांधी उड़ान अकादमी में पायलट की ट्रेनिंग होती है, जबकि राजीव गांधी विमानन विश्वविद्यालय में एविएशन कानून, एविएशन प्रबंधन की स्नातक व परास्नातक की कक्षाएं संचालित होनी हैं। अभी विमानन विश्वविद्यालय का संचालन शुरू नहीं हुआ है। जबकि, भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। दोनों ही स्वायत्तशासी संस्थान (ऑटोनोमस बॉडी) हैं। दोनों ही नागरिक विमानन मंत्रालय से संबद्ध हैं।

इग्रुआ द्वारा विमानन विश्वविद्यालय को लीज पर जमीन देने का मामला प्रथम दृष्टया कानूनी दृष्टि से गलत प्रतीत हो रहा है। शासन के साथ विश्वासघात होने के बात सामने आ रही है। पूरे मामले की गहन जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-डा. अशोक कुमार शुक्ला, एसडीएम, तिलोई-अमेठी


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