जमीन विवाद के चलते बढ़ रहा अपराध
वारदातों के पीछे का सच घर के छोटों की दखल से बनती बात बिगड़ रही हैं।
दिलीप सिंह, अमेठी
जमीनी रार को खत्म करने की तमाम समाधान की कोशिशें नफरत, गुस्सा व तनाव के मजबूत गठजोड़ के आगे बेबश हैं। मामूली जमीनी विवाद में तिल का ताड़ बनाकर अपनों का ही खून बहाया जा रहा है। गुरुवार को हद तो तब हो गई। जब बाजार शुकुल के गांव दो लोगों के जमीनी विवाद में बीच-बचाव को दौड़े अधेड़ को ही पीटकर मार डाला गया। पिछले कुछ महीनों में हुए खून खराबे की घटनाओं के पीछे लंबी पड़ताल के बाद एक चौकाने वाला सच भी सामने आया है। हर छोटी-बड़ी बात में घर के छोटों या यह कहें की बच्चों की दखल बनती बात को बिगाड़ने की वजह बन रही हैं।
चलाया जा रहा भूमि विवाद निस्तारण अभियान : जिले में भूमि विवाद के चलते होने वाले खून खराबे को रोकने के लिए जिलाधिकारी की पहल पर भूमि विवाद निस्तारण के लिए 15 दिन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें अब तक पांच सौ से अधिक मामले मौके पर पहुंच टीमों द्वारा सुलझाए जा चुके हैं। राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीमें लगातार मामलों को सुलझाने में लगी हुई हैं।
खुद को भी होना होगा सजग : किसान नेता प्रमोद मिश्र का कत्ल, सैनिक के पिता की हत्या, राजधानी में मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर आत्मदाह का प्रयास जैसी घटनाओं ने सिस्टम पर सवाल खड़े किए। पड़ताल में विवाद मामूली ही निकलें और वारदातों को अंजाम देने वाले सलाखों के पीछे हैं। थोड़ी समझ व सजगता से इन घटनाओं को रोका जा सकता था। जो हो गया, सो हो गया अब से चेत जाय तो बड़ी बात होगी।
हीला हवाली व गुमराह करने की प्रवित्त बढ़ाती है तनाव : हर वारदात में एक और बात साफ हो कर बाहर आती है। वह है राजस्व व पुलिस के कर्मचारियों द्वारा जांच के नाम पर मामलों को उलझाने की प्रवित्त व हीला हवाली। शिकायत के साथ अगर कार्रवाई शुरू हो जाय तो मामूली विवाद शायद ही बड़ी घटना की शक्ल अख्तियार करें।
वर्जन
छोटे मामलों में लापरवाही बरतने वाले उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। जिनके समय पर ध्यान नहीं देने पर मामूली बात बढ़कर बड़ी घटना का रूप धारण कर लेती हैं।'' दिनेश सिंह, एसपी, अमेठी
वर्जन
जिस गांव व क्षेत्र में भूमि विवाद के चलते अपराधिक घटनाएं होगी। उस क्षेत्र के राजस्व कर्मियों की जवाबदेही तय की जाएगी और कार्रवाई भी होगी।
अरुण कुमार, डीएम, अमेठी