कोटेदार निगल रहे एक यूनिट का अन्न
सिंहपुर : इस बार ऊपर से ही राशन की कटौती हो गयी। राशन विभाग से ही कम मिल रहा है। जी हा
सिंहपुर : इस बार ऊपर से ही राशन की कटौती हो गयी। राशन विभाग से ही कम मिल रहा है। जी हा, ये कहना है विकास खंड क्षेत्र अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के दुकानदारों का। यहा ग्रामीणों को गुमराह कर उनके हक को छीना जा रहा है। कई गांवों के राशन विक्रेता परिवार की कुल यूनिट से एक यूनिट कम का राशन बांट रहे है या यूं कहें कि पात्र गृहस्थी के लाभार्थियों से प्रति परिवार एक यूनिट राशन की खुलेआम कटौती की जा रही है।
गरीबों के निवाले के बंदोबस्त का जिम्मा उठाए पूर्ति महकमें में भ्रष्टाचार की जड़ें गहराई तक जमा हो चुकी हैं। आलम यह है कि पात्र गृहस्थी योजना के अंतर्गत मिलने वाले राशन में भी कटौती की जा रही है। परिवार की कुल यूनिट से एक यूनिट का राशन कम दिया जा रहा है। विकास क्षेत्र की 58 ग्रामसभाओं में से कई गांवों के कोटेदार निजी फ ायदे के लिए यह नुस्खा अपनाए हुए है। वहीं ग्रामीणों के पूछने पर राशन विक्रेता उनपर रौब गालिब करने से भी नहीं चूकते। रसूखदारों के रौब के डर से पात्र गृहस्थ कम राशन लेकर ही संतोष करने को मजबूर है। ऐसा भी नहीं है कि विभागीय जिम्मेदार इससे अंजान हैं, बल्कि कमीशन खोरी के चलते महकमें के आला अफ सर ऐसे राशन विक्रेताओं पर कार्रवाई की जहमत मोल लेना जरुरी नही समझ रहे।
प्रति यूनिट पाच किलो है राशन
सूबे की सरकार ने पात्र गृहस्थी योजना के तहत पात्र परिवार को प्रति यूनिट पाच किग्रा राशन दिए जाने की व्यवस्था की है, जिसमें एक यूनिट पर तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल दिया जाना निर्धारित है।
पर्यवेक्षक भी करते हैं नजरअंदाज
राशन वितरण के समय प्रत्येक दुकान पर एक पर्यवेक्षक की तैनाती भी की जाती है, जिससे पारदर्शी ढंग से सभी के हिस्से का राशन उसतक पहुंच सके, लेकिन शासन की यह मंशा भी विफ ल हो रही है। यहा प्रत्येक माह नियुक्त होने वाले पर्यवेक्षक का हिस्सा तय है, जिसे सौंप कोटेदार प्रयवेक्षक की बोलती बंद कर देते हैं।
बोले जिम्मेदार
कुल यूनिट से कम राशन बाटने का मामला संज्ञान में नहीं है। सभी को उनके हक का राशन मिलना चाहिए। शिकायत मिली तो जाचकर कार्रवाई की जायेगी।
गिरिजेश चौधरी
एसडीएम, तिलोई