तीसरी लहर से बचने में मददगार होंगे स्वास्थ्य केंद्र
पड़ताल के दौरान यह देखने को मिला कि जिला अस्पताल में 20 पीआईसीयू और आईसीयू के बेड़ तैयार हैं। 150 बेड तक आक्सीजन पाइप लाइन बिछाई गई हैं। वेंटीलेटर आदि की सुविधा कर ली गई है।
कंचन सिंह, गौरीगंज (अमेठी)
कोरोना की दूसरी लहर में बिना किसी संसाधन व उपकरण के चिकित्सक संक्रमितों का इलाज करने में पीछे नहीं रहे। जिला अस्पताल में टेंट हाउस के बिस्तर व बेड़ से काम चलाया गया। वहीं तीसरी लहर को लेकर जिले के अस्पताल फर्श से अर्श पर पहुंच गए हैं। पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 25-25 बेड तैयार कर लिए गए हैं। इसमें 15 आक्सीजन सप्लाई युक्त बेड और 10 पीआईसीयू बेड तैयार कर लिए गए है।
पड़ताल के दौरान यह देखने को मिला कि जिला अस्पताल में 20 पीआईसीयू और आईसीयू के बेड़ तैयार हैं। 150 बेड तक आक्सीजन पाइप लाइन बिछाई गई हैं। वेंटीलेटर आदि की सुविधा कर ली गई है। अन्य बीमारियों से ग्रसित भर्ती रोगियों का इलाज चल रहा था। इसके बाद तिलोई के दो सौ बेड़ के अस्पताल की पड़ताल में सभी बेड़ आक्सीजन युक्त मिले। सभी तक गैस पाइप लाइन पहुंचाई गई है। यहां आईसीयू व पीआईसीयू नहीं बनाया गया है। जिले में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए चार सौ आक्सीजन कंसंट्रेटर, वाइपैप मशीन आदि की व्यवस्था कर ली गई है। बड़े निजी अस्पतालों को चिन्हित कर व्यवस्थित कराया जा रहा है। इसके अलावा पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 25-25 बेड़ के आक्सीजन व 12 पीआईसीयू बेड़ तैयार हैं।
जिम्मेदार के बोल : जिला अस्पताल के अधीक्षक डा. पीके उपाध्याय ने कहा कि जिला अस्पताल में आईसीयू व पीआईसीयू के बेड तैयार हैं। दो आक्सीजन प्लांट संचालित होने लगे हैं।
सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि दूसरी लहर में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की कमी, संसाधन की कमी, जरूरत के लिए तैयार न रहना आदि के चलते सभी को भारी कीमत चुकानी पड़ी। लेकिन तीसरे लहर को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं।