बिना लगे कूड़ादान दो साल में खुद बन गया कबाड़
करीब दस लाख की लागत से नगर 250 कूड़ादान खरीदे गए थे।
अमेठी : स्वच्छता को लेकर दावे कुछ भी किए जाए पर जिले में गंदगी ही गंदगी है। जिले की सबसे पुरानी व ऐतिहासिक नगर पालिका परिषद जायस में स्वच्छता अभियान को गति देने के लिए करीब दस लाख की लागत से 250 कूड़ादान खरीदे गए। जिन्हें नगर में जगह-जगह सूखा व गीला कूड़ा डालने के लिए लगाया जाना था। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। सभी कूड़ा दान खरीदने के बाद से ही नगर पालिका परिषद की पंप नंबर में खुद कूड़ा बने हुए हैं। दो साल का वक्त बीत गया। इस बीच स्वच्छता को लेकर जिले में भर में कई बार और कई तरह के अभियान चलाए गए। लेकिन, जिम्मेदारों की नजर इस ओर नहीं गई।
जगह-जगह फैली रहती है गंदगी : जायस नगर ही नहीं जिले के वैसे तो सभी नगरों में जगह-जगह गंदगी फैली दिखाई पड़ती है पर जायस में तो हद ही हो गई है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का स्वच्छता पर जोर है। कोरोना संक्रमण काल में हर कोई संक्रमण से बचाव की कोशिश में हैं। लेकिन, जायस नगर पालिका परिषद में सबकुछ ऊपर वाले के भरोसे चल रहा है।
स्थान तय होने के बाद भी नहीं लगे कूड़ा दान : नगर में सभासदों ने कूड़ा दान लगवाने के लिए बकायदा स्थान तय कर उसका प्रस्ताव दिया। सभी कागजी कोरम पूरा किए गए पर मनमानी सब पर भारी पड़ गई। सारी प्रकिया पूरी होने के बाद पूरे नगर में एक भी कूड़ा दान नहीं लगाया गया है।
नहीं सुन रहे जिम्मेदार : नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष महेश प्रताप सोनकर कहते हैं कि ईओ को कई बार कूड़ादान लगवाने के लिए कहा गया पर उन्होंने नहीं लगवाया। पानी की मोटर खराब है। उसे भी नहीं ठीक करवा रही हैं। ईओ प्रियंका से बात करने की कोशिश हुई पर उनका फोन बंद था।
डीएम ने कहा, होगी कार्रवाई : जिलाधिकारी अरुण कुमार ने कहाकि कूड़ा दान आने के बाद नहीं लगना गंभीर मामला है। पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ने पर रिकवरी भी करवाई जाएगी। ऐसी लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं की जाएगी।