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समिति पर नहीं डीएपी, परेशान हैं किसान

अमेठी डीएपी की उपलब्धता नहीं होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 12:23 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 12:23 AM (IST)
समिति पर नहीं डीएपी, परेशान हैं किसान
समिति पर नहीं डीएपी, परेशान हैं किसान

अमेठी : डीएपी की उपलब्धता नहीं होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान खाद के अभाव में केंद्र का चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

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गेहूं की बोआई का समय शुरू होने के साथ ही किसान डीएपी की तलाश कर रहे हैं। डीएपी के अभाव में किसान की खेती का कार्य प्रभावित हो रहा है। तीन दिन पूर्व केंद्र पर डीएपी खाद आई थी। किसानों की भीड़ अधिक होने के कारण एक दिन में खाद गोदाम से गायब हो गई। दो दिन से केंद्र पर खाद नहीं होने से साधन सहकारी समितियों पर ताला लटका हुआ है। समिति के पदाधिकारी केंद्र पर खाद की उपलब्धता के लिए विभागीय कार्रवाई में जुटे हैं। अमेठी ब्लॉक की पांच समितियों में कोरारी गिरधरशाह, महराजपुर और गडेरी में एक बार डीएपी की उपलब्धता हुई थी। किसानों की संख्या अधिक होने पर खाद कम पड़ गई। खेरौना समिति पर यूरिया उपलब्ध है। डीएपी अभी एक बार भी केंद्र पर नहीं आई है। रामदैपुर समिति अनियमितता के कारण बंद पड़ी है। संग्रामपुर ब्लॉक की सभी समितियों पर डीएपी का अभाव है। यहां की दो समितियों पर खाद आई थी। उसके बाद अभी तक डीएपी खाद नहीं आई है।

- शनिवार तक सभी केंद्रों पर आ जाएगी खाद

सहायक विकास अधिकारी सहकारिता विजय मिश्रा ने बताया कि तीन समिति पर खाद आई थी। एक दिन में खाद का वितरण हो गया। खेरौना में यूरिया उपलब्ध है। मांग पत्र भेजा गया है। शनिवार तक केंद्र पर डीएपी की उपलब्धता हो जायेगी। सभी सचिव की ओर से विभागीय औपचारिकता पूरी की जा रही हैं। इसके कारण समिति बंद है।

- किसानों की पीड़ा

किसान केशरी बानो कहती हैं कि जब जिले में डीएपी का रैक आई है तो किसान क्यों परेशान किये जा रहे हैं। सभी केंद्र पर खाद उपलब्ध कराई जाय। मोनू सरोज ने कहाकि सरकार की ओर से सभी व्यवस्था तो सदैव कराई जाती हैं। जिम्मेदार अधिकारी की ओर से समुचित व्यवस्था नहीं की जाती है। रामदुलारी ने कहा कि गेंहू की सीजन में सबसे अधिक डीएपी की आवश्यकता होती है। इसकी तैयारी पहले से की जानी चाहिए। अमर नाथ का कहना है कि तीन दिन से खाद के लिए लगातार केंद्र का चक्कर लगाना पड़ रहा है पर अभी तक खाद की एक बोरी नहीं मिल पाई है।


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