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इको लाइफ से संवर रही समूहों से संबद्ध महिलाओं की जिदगी

बीस गांव की आठ सौ महिलाएं उत्पाद तैयार कर रहीं। दिल्ली मथुरा व लखनऊ सहित कई शहरों को उपलब्ध कराए जा रहे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 11:26 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 11:26 PM (IST)
इको लाइफ से संवर रही समूहों से संबद्ध महिलाओं की जिदगी

कंचन सिंह, अमेठी

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जनसंख्या नियोजन को लेकर इको लाइफ इंडिया ने नई पहल की है, जिसके तहत आधी आबादी को घर बैठे रोजगार मिलने लगा है। बीस गांवों की आठ सौ महिलाएं रोजगार से सीधे जुड़ चुकी हैं। उनके द्वारा तैयार उत्पाद को कई बड़े शहरों में विक्रय के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।

जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लगभग चार हजार स्वयं सहायता समूह गठित किए गए हैं, जहां महिलाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, कटरा महारानी निवासी संदीप सिंह ने लोगों को रोजगार देने के लिए नया कदम उठाया है। इको लाइफ इंडिया नाम से संस्था का संचालन कर बेरोजगार युवाओं व महिलाओं को घर बैठे रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। उनकी मुहिम जिले के बीस गांवों तक पहुंच गई है। लगभग आठ सौ महिलाएं संस्था से जुड़कर आर्थिक आजादी के सफर पर कदम बढ़ा चुकी हैं। वहीं, इनके उत्पाद कई बड़े शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। संस्था घर पर ही उत्पाद की सामाग्री मुहैया कराती है। संस्था से जुड़ी महिलाओं द्वारा अब तक एक लाख कॉटन बैग तैयार किए जा चुके हैं।

संस्था संस्थापक संदीप सिंह ने बताया कि किसानों व अन्य जनसामान्य को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में लोगों को रोजगार देने की योजना पर काम चल रहा है।

इन गांवों की महिलाएं लिख रहीं स्वावलंबन की इबारत :

कटरा महारानी, सरांयखेमा, परसावां, शारदन, पश्चिम दुआरा, विशेषरगंज, मिश्रौली, तुलापुर, हारीपुर व वारिशंगज सहित बीस गांव शामिल हैं।

इन उत्पादों को किया जा रहा तैयार :

इको लाइफ से संबद्ध महिलाएं नीम, तुलसी और गुड़हल पावडर के साथ ही मूंज से बने उत्पाद भी तैयार कर रही हैं।

यूपी महोत्सव में की भागीदारी :

हाल ही में लखनऊ में यूपी महोत्सव का आयोजन किया गया था। इसमें इको लाइफ की महिलाओं द्वारा तैयार बीस हजार कॉटन बैग बेचे गए।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी है संस्था :

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ इको लाइफ इंडिया काम कर रही है। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अंकुर लाठर ने बताया कि समूहों के गठन व महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इस संस्था के सहयोग से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कोटे की दुकान पर मिलने वाले राशन के लिए कपड़े का बैग बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। बजट का इंतजाम होने के बाद योजना को धरातल पर उतारा जा सकेगा। सीडीओ ने कहा कि जिले की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।


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