Move to Jagran APP

ई पाश से नहीं, बटे राशन से होता है खेल

जागरण संवाददाता, अमेठी : सरकार ने राशन की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए शहरी कोटे

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 10:12 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 10:12 PM (IST)
ई पाश से नहीं, बटे राशन से होता है खेल

जागरण संवाददाता, अमेठी : सरकार ने राशन की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए शहरी कोटे की दुकानों में ई पाश मशीन लगवाया है, लेकिन कोटेदार मशीन में कोई जुगाड़ नहीं कर पा रहे हैं। बल्कि जो कार्डधारक राशन नहीं ले जा रहे या जिनका आधार कार्ड से लिंक नहीं है उसी राशन की कालाबाजारी कोटेदारों द्वारा किया जाता है। 15 दिन के भीतर विभाग ने 71 दुकानों का निरीक्षण किया, जिसमें से दोषी पाए गए एक कोटेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया है। वहीं चार दुकानों को निलंबित किया है।

loksabha election banner

जिले की अमेठी, मुसाफिरखाना व जायस नगर पंचायत नगर पालिका की 12 कोटे की दुकानों पर ई पाश मशीन लगाई गई है, जिनसे छह हजार पांच सौ सोलह कार्ड धारक राशन लेते हैं। कार्ड के अनुसार कोटेदार राशन का उठान प्रतिमाह कर रहे हैं, जिन कार्ड धारकों का राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं है कोटेदार उनके हिस्से का राशन उठान करने के बाद भी उन्हें नहीं दे रहे है। यही बचा राशन कोटेदारों की आय का जरिया बना हुआ है। अमेठी नगर पंचायत में 1894, मुसाफिरखाना नगर पंचायत में 1062 व जायस नगर पालिका में 3560 कार्ड धारक हैं। जिलापूर्ति अधिकारी संजय कुमार के अनुसार 71 दुकानों का निरीक्षण 15 दिन के भीतर कराया गया है। एक कोटेदार के दोषी मिलने पर उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाया गया है, जबकि चार कोटेदारों को निलंबित किया गया है। कई दुकानों से 38 हजार रुपये अर्थदंड वसूला गया है। विभागीय लोगों की माने तो ई पाश मशीन लगने से राशन की कालाबाजारी पर अंकुश लग सका है। कोटेदार जिन कार्ड धारकों को राशन नहीं देते हैं वही बचा राशन कालाबाजारी की भेंट चढ रहा है। इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी ने कहाकि दुकानों का निरीक्षण कराया जा रहा है, जल्द ही ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों में भी ई पाश मशीन लगाने की तैयारी की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.