'राजस्व महकमे से जुड़ी शिकायतें सबसे ज्यादा, सुधार की दी हिदायत'
जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों को आदत में सुधार लाने की हिदायत देते हुए चेताया कि अब कार्रवाई होगी।
अमेठी : जिलाधिकारी अरुण कुमार ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में शुक्रवार को जनसामान्य की समस्याएं सुनीं और उनके निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। सबसे ज्यादा शिकायतें राजस्व विभाग से संबंधित आईं। इस पर जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों को आदत में सुधार लाने की हिदायत देते हुए चेताया कि अब कार्रवाई होगी।
जिलाधिकारी ने आए लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी का पालन करें, मास्क लगाएं तथा साफ-सफाई व सैनिटाइजेशन पर नियमित रूप से ध्यान दें। इसी क्रम में नाली विवाद, भूमि पर अवैध कब्जे, वसीयत, भूमि की पैमाइश, शौचालय, राशन व आवास आदि से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई।
जिलाधिकारी ने कहाकि जनसामान्य की शिकायतों को लंबित न रखा जाए। इनका प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा जिस भी विभाग से संबंधित शिकायत लंबित पाई गई। उस विभाग के अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान अपर जिलाधिकारी सुशील प्रताप सिंह भी मौजूद थे।
नौ अधिकारियों के वेतन पर लगाई रोक, मांगा जवाब :
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिले के अधिकारियों की ड्यूटी निर्वाचन व उप निर्वाचन अधिकारी पद पर लगाई गई है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग नहीं करने वाले नौ अधिकारियों के वेतन पर रोक लगाते हुए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने दो दिन में उनसे जवाब मांगा है। संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
गौरीगंज प्रतिनिधि के अनुसार जिले के कई विभागों के अधिकारियों को पंचायत चुनाव में निर्वाचन व उप निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है। चुनाव को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष कराने के लिए उन्हें मास्टर ट्रेनर अजय सिंह द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम में पशु चिकित्साधिकारी संतोष कुमार, अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग अरविद कुमार रावत, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग विद्या रत्न मिश्रा, पशुधन प्रसार अधिकारी सुभाष चंद्र पांडेय, पशु चिकित्साधिकारी अवधेश कुमार, मुफीद खान, सुमित कुमार, राजस्व निरीक्षक अमर नाथ पांडेय व अवर अभियंता जिला पंचायत शोभाराम वर्मा अनुपस्थिति रहे। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अंकुर लाठर ने इन सभी अधिकारियों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश देते हुए दो दिन में जवाब मांगा है।