सबका साथ लइके चलै राजा कै यहै मतलब
अमेठी लोकसभा चुनाव नजदीक आने के बाद चाय की दुकानों पर बैठकी लगने लगी है तो पान की दुकान
अमेठी : लोकसभा चुनाव नजदीक आने के बाद चाय की दुकानों पर बैठकी लगने लगी है, तो पान की दुकानों पर खड़े खड़े चुनावी माहौल और प्रत्याशियों की हार जीत के फैक्टर बताए जाने लगे हैं। दिन के करीब साढ़े बारह बजे हम चिलौली गाव में थे। भरी दोपहर की चटख धूप और लखनऊ-सुलतानपुर राजमार्ग पर फ र्राटा भरते वाहन। ठीक इसके बगल झोपड़ीनुमा भानु तिवारी की चाय की दुकान पर कुछ लोग चुनावी चर्चा में व्यस्त दिखे।
चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा की शुरुआत करते हुए गाव निवासी दुर्गेश दीक्षित कहते हैं। 2014 मा भाजपा जीती, लेकिन कौनो सुविधा नहीं मिली। जऊन किहिस यह सब पहिले वाली सरकार कै देन आय। इस बात पर प्रवीण शुक्ल बोल पड़े पहिले की सरकार मा केवल कार्यकर्ता कै विकास भवा। सुधाकर शुक्ल ने कहा या सरकार सामूहिक काम कै रही, यहिकै नारा है सबका साथ सबका विकास। नरेंद्र तिवारी कहने लगे कि सासद रहे, लेकिन सरकार कै दुर्दशा, 70 साल मा कुछू नहीं किहिन पांच साल कै हिसाब मागत हैं। आलोक बोल पड़े ई पाच साल मा का भवा कुछू देखाय नहीं रहा। पवन तिवारी कहने लगे आइटीआइ बन रही, स्कूल खुला, देश कै रक्षा खातिर रायफ ल बनय लाग। दुर्गेश बोल पड़े असलहा फैक्ट्री तौ पहिलेन से चलत रही। सुधाकर ने कहा हा हा खाली कगजै पा चलत रही हो। दिनेश पान वाले बोल पड़े कालोनी, लैट्रिन, बिजली, सिलिंडर और किसानन का पेंशन सब कुछ मिला अबकी। वीरेंद्र कुमार ने कहा दुबारा कोउ भराय नहीं पाइस सिलिंडर, खाद बोरी कै वजन घटाय दिहिन। प्रवीण बोले अब खाद की खातिर लाठी तौ नहीं खाय का परतै। आसानी से मिलय लाग यह कम आय। राम कुमार ने कहा पहिले की सरकार मा कौनो विकास नहीं भा खाली बप्पा बाटिन बेटवा लिहिन वाला हाल रहा। सुधाकर कहने लगे कि यह सरकार सबके लिए बहुत इंतजाम किहिस है। राजा कै यहै मतलब हुअत है। चर्चा में कल्लू दुबे, प्रदीप श्रीवास्तव, मो. रिजवान, अतुल, राजेंद्र पाडेय, विश्वनाथ भी अपने विचार व्यक्त करते रहे।