ग्रीन सिटी के रूप में पहचान बनाएगी अमेठी
दो साल में 40 वर्ग किलोमीटर जिले का वन क्षेत्र बढ़ा। अब हर कोने पर हरियाली दिखेगी। नए साल में 44 लाख से अधिक पौधों का रोपण होगा।
दिलीप सिंह, अमेठी
दो साल में 40 वर्ग किलोमीटर जिले में वन क्षेत्र में इजाफा हुआ है। वन क्षेत्र में बढ़ोतरी ने अमेठी जिले को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने के सपनों को बल मिला है। जिले के हर एक कोने को हरा-भरा बनाने की उम्मीद जगी है। नए साल में 44 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य तय किया गया है। तेजी से विकसित हो रहे कलेक्ट्रेट सहित सभी सरकारी कार्यालयों को पेड़ों की छांव मुहैया कराने की कवायद युद्धस्तर से चल रही है।
बढ़ेगी हरियाली, नए साल में रोपे जाएंगे लाखों पौधे :
नए साल में जिले को और अधिक हरा-भरा बनाने के लिए 44 लाख से अधिक पौधों के रोपण का लक्ष्य तय किया गया है। इनमें वन विभाग 2351160 पौधे, पर्यावरण विभाग 261240, ग्राम विकास विभाग 1052760, आवास विकास 4320, औद्योगिक विकास 4200, नगर विकास 14760, लोक निर्माण विभाग 8400, सिचाई विभाग 8400, कृषि विभाग 201600, पशुपालन विभाग 7080, सहकारिता विभाग 4800, उद्योग विभाग 5400, विद्युत विभाग 5760, माध्यमिक शिक्षा 2400, बेसिक शिक्षा 2400, प्राविधिक शिक्षा 4200, उच्च शिक्षा 15840, श्रम विभाग 840, स्वास्थ्य विभाग 12000, परिवहन विभाग 840, रेलवे विभाग 22800, रक्षा विभाग 6000, उद्यान विभाग 132840, पुलिस विभाग 4320, राजस्व विभाग 119880 व पंचायती राज विभाग 119880 पौधे लगाने का लक्ष्य आवंटित किया गया है।
अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि पर होगा पौधारोपण :
जिलाधिकारी अरुण कुमार की पहल पर जिले भर में अभियान चलाकर सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। इस साल अतिक्रमणकारियों से खाली कराई गई जमीन पर पौधरोपण कराने की योजना है। ऐसे में गांव-गांव आसानी से सुरक्षित भूमि पर पौधरोपण कर धरा को हरा-भरा बनाया जाएगा।
हरियाली की छांव में होंगे जिले के हाईवे :
जिले से होकर गुजरने वाले सभी हाईवे के दोनों किनारों पर पौधरोपण कराया जाएगा। कुछ स्थानों पर पहले ही सड़क के दोनों किनारों पर छांव वाले पौधे लगाए जा चुके हैं।
किसानों का लिया जाएगा सहारा :
जिले को हरा-भरा बनाने के लिए किसानों का भी सहयोग लिया जाएगा। गांव-गांव बारिश के मौसम में पौधरोपण कराया जाएगा। किसानों को भी अपने खेतों के मेड़ों पर लगाने के लिए पौधे वन विभाग द्वारा दिए जाएंगे।
वन क्षेत्र में 1.30 फीसद इजाफा :
फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया की द्विवार्षिक रिपोर्ट में जिले के वन क्षेत्र में 1.30 फीसद का इजाफा हुआ है। दो वर्ष पहले जहां जिले का कुल वन क्षेत्र 145 वर्ग किमी. था। वहीं, अब बढ़कर 185 वर्ग किमी. हो गया है।
जिले का वन क्षेत्र हुआ छह फीसद से ज्यादा :
जिले का भौगोलिक क्षेत्र फल 3060.53 वर्ग किमी. है। फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया 2017 की रिपोर्ट में यहां कुल क्षेत्रफल का 4.73 प्रतिशत यानी 144.76 वर्ग किमी वन क्षेत्र था। 2019 की रिपोर्ट में बढ़कर 6.03 फीसद हो गया है। इस साल आने वाली रिपोर्ट में भी वन क्षेत्र में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।
हर हाथ रोपेगा पौधा :
जिलाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि जिले में पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण का लक्ष्य तय किया गया है। बारिश के मौसम में हर हाथ यहां पौध रोपण करता हुआ दिखेगा। हम नए साल में 43 लाख से अधिक पौधे लगाएंगे। 2020 में 37 लाख से ज्याद पौधों का रोपण किया गया है। सभी सरकारी भवनों के आसपास की खाली जमीन को हरा भरा बनाने का आदेश दिया गया है।