अधिकांश बन गए कोविड अस्पताल, गर्भवती महिलाओं को दिक्कत
नवीन जिला अस्पताल को तीन ब्लाक में निर्मित कराया गया है। मैटरनिटी ओपीडी व इमरजेंसी। जिसमें मैटरनिटी ब्लाक को दूसरी लहर में ही कोविड अस्पताल बना दिया गया है।
अमेठी : जिले में महिलाओं के लिए बनाए गए अस्पताल काम नहीं आ रहे हैं। इन्हें कोविड अस्पताल बना दिया गया है। जिसके चलते महिलाओं की नौ लाख की आबादी को उपचार के लिए परेशान होना पड़ता है। जिला अस्पताल में महज आठ बेड गर्भवती महिलाओं के लिए आरक्षित कर काम चलाया जा रहा है।
नवीन जिला अस्पताल को तीन ब्लाक में निर्मित कराया गया है। मैटरनिटी, ओपीडी व इमरजेंसी। जिसमें मैटरनिटी ब्लाक को दूसरी लहर में ही कोविड अस्पताल बना दिया गया है। वहीं तिलोई में दो सौ बेड़ के जच्चा बच्चा रेफरल केंद्र को भी कोविड अस्पताल बनाने से आज तक महिलाओं का इलाज नहीं हो सका है। जब कि तिलोई में सीएमएस सहित पांच डाक्टर तैनात हैं। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि शाम होते ही सभी चले जाते हैं।
जिले में महिलाओं की संख्या : स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अमेठी जिले में महिलाओं की कुल संख्या नौ लाख 22 हजार 443 है। इनकी स्वास्थ्य सुविधा के लिए बने अस्पताल शोपीस बनकर रह गए हैं।
सीएचसी व पीएचसी का हाल : जिले में 30 सीएचसी व 12 पीएचसी स्वास्थ्य केंद्र स्थापित हैं। इसके अलावा 70 डिलीवरी प्वाइंट व 453 उपकेंद्र बनाए गए हैं। जुलाई माह में सीएचसी में 1041 व पीएचसी में 160 गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया गया है। जब कि जिला अस्पताल में 60 से अधिक गर्भवती महिलाओं को भर्ती कर सुरक्षित प्रसव कराया गया है।
डाक्टरों की कमी : जिला अस्पताल में महज दो महिला चिकित्सक व एक महिला पुरुष विशेषज्ञ की तैनाती है। जब कि प्रत्येक सीएचसी पीएचसी पर कम से कम एक डाक्टर की तैनाती होनी चाहिए। इसके बाद भी तैनाती न होने से महिलाओं को इलाज के परेशान होना पड़ रहा है।
जिम्मेदार के बोल : तिलोई अस्पताल के सीएमएस डा. एसएन राय ने कहा कि महिला चिकित्सक व विशेषज्ञ की तैनाती के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। तैनाती होने के बाद सुविधा प्रदान की जाएगी। वहीं जिला अस्पताल के सीएमएस प्रभार ग्रहण करने के बाद अवकाश पर चले गए हैं।