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युवाओं को प्रशिक्षित करने में प्रशिक्षकों की कमी बाधा

सरकार युवाओं को हुनरमंद बनाकर उनको स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कटिबद्ध है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 10:39 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 10:39 PM (IST)
युवाओं को प्रशिक्षित करने में प्रशिक्षकों की कमी बाधा
युवाओं को प्रशिक्षित करने में प्रशिक्षकों की कमी बाधा

अंबेडकरनगर: सरकार युवाओं को हुनरमंद बनाकर उनको स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कटिबद्ध है। राजकीय आइटीआइ अकबरपुर में यह मंशा धूमिल नजर आती है। यहां प्रशिक्षकों समेत तमाम पदों के खाली हैं। इससे यहां विभिन्न ट्रेडों में दाखिला लेने वाले छात्रों का प्रशिक्षण प्रभावित हो रहा है। स्वीकृत पदों के सापेक्ष यहां 23 प्रशिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। छात्रों ने कई बार आवाज उठाई, लेकिन जिम्मेदार इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया। सोमवार को जागरण की पड़ताल में यहां सुविधा और संसाधन उपलब्ध होने के बाद भी कदम-कदम पर अव्यवस्था व बदहाली दिखी।

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मुसीबत करती अगुआनी: आइटीआइ परिसर के जलभराव था। जिसमें मच्छर पनप रहे हैं। परिसर के बाहर खड़े छात्र रवीशंकर ने बताया कि यहां छात्रवृत्ति की जानकारी लेने आया है। इस बीच गेट पर तैनात पीआरडी जवान राकेश प्रजापति कैमरा देख अंदर भागा और सबको अलर्ट करने लगा। प्रधानाचार्य अरुण यादव अपने कक्ष में अभिभावकों वार्ता कर रहे थे। भवन के दूसरे तल पर लगा वाटर कूलर सही होने के बावजूद बंद था।

प्रशिक्षण पर अभाव का संकट : राजकीय आइटीआइ में प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षकों का अभाव बड़ा संकट बना है। यहां एक प्रशिक्षिक प्रियंम्दा द्वारा छात्रा शालिनी, ज्योति, रोली वर्मा व शिवांगी को ब्यूटीशियन का पाठ पढ़ाने में जुटी थीं। इलेक्ट्रिशियन ट्रेड की क्लास में छह छात्र बैठे थे, लेकिन प्रशिक्षक नदारद रहे। यहां मौजूद छात्र सोनू कुमार ने बताया कि चंद मिनट पहले क्लास समाप्त कर टीचर गई हैं। इलेक्ट्रानिक ट्रेड की कक्षा में यही दिखा। छात्रा सीमा, सोनी, सौरभ ने बताया कि मैडम आज छुट्टी पर हैं। इसलिए क्लास खाली है। फोरमैन केपी गौतम ने जागरण टीम को देखते ही अपनी कुर्सी संभाली। आइटीआइ के 12 ट्रेडों में स्वीकृत 396 सीटों में 200 से अधिक छात्रों ने दाखिला लिया है। इनको प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षकों की कमी हैं। 28 पदों के सापेक्ष महज पांच प्रशिक्षकों तैनात हैं। चतुर्थ श्रेणी के सभी पांच पद खाली हैं। इसकी सूचना शासन को कई बार भेजी गई है। परिसर में बरसात के दिनों में जलभराव होता है।

अरुण यादव, प्रधानाचार्य

राजकीय आइटीआइ, अकबरपुर


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