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कमजोर नींव पर मजबूत इमारत नहीं बनती

अंबेडकरनगर : पोषण, टीकाकरण और स्वच्छता पर बात करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों और आंगन

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 12:25 AM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 12:25 AM (IST)
कमजोर नींव पर मजबूत इमारत नहीं बनती
कमजोर नींव पर मजबूत इमारत नहीं बनती

अंबेडकरनगर : पोषण, टीकाकरण और स्वच्छता पर बात करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधा संवाद साधते हुए कहा कि कमजोर नींव पर मजबूत इमारत नहीं खड़ी हो सकती। अगर बचपन कमजोर है तो समाज का स्वस्थ्य ठीक नहीं रहेगा। जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टेलीविजन के जरिए इसका सीधा प्रसारण किया गया। इस बीच प्रधानमंत्री से मिली शाबाशी पर स्वास्थ्य विभाग और आंगनबाड़ी के कर्मी गदगद हो गए। इसके बाद मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा होने पर कर्मियों के चेहरे पर मुस्कान थिरक गई। हालांकि यहां स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री ने किसी भी कर्मी और लाभार्थी से सीधा संवाद तो नहीं किया लेकिन योजनाओं की जानकारी तथा स्वस्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में सफलता मिलने की प्रधानमंत्री ने बात कही तो सभी खुश हो गए। प्रधानमंत्री ने आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कर्मियों को राष्ट्र निर्माण का प्रहरी बताया।

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगपुर जलालपुर में लाइव प्रसारण का इंतजाम स्वास्थ्य विभाग ने किया था। एसडीएम संतोष कुमार ¨सह, तहसीलदार ज्ञानेंद्र यादव, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अनिल त्रिपाठी, चिकित्साधीक्षक डॉ. अतीक आलम और बाल विकास परियोजना अधिकारी बलराम ¨सह समेत मुख्य सेविका शिवदेवी, सुशीला दुबे व निर्मला ¨सह उपस्थित रहीं। यहां सीधा संवाद के दौरान अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पोषण, टीकाकरण और स्वच्छता पर बात करने के लिए मैं आपके सामने आया हूं। पीएम ने मिशन इंद्रधनुष को जमीनी सतह पर लाने के लिए आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य कर्मियों को बधाई दी। बताया कि इसमें तीन करोड़ बच्चों के अलावा 85 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण होना इसका स्पष्ट उदाहरण है। स्वास्थ्य का सीधा संबंध पोषण से है, और कुपोषण एक बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने बताया कि कम उम्र की शादी भी इस समस्या का एक अहम कारण बनती है। पीएम ने बताया कि महिलाओं में खून की कमी का मामला प्रतिवर्ष की दर से एक प्रतिशत की कम हो रहा है। हालांकि इसे तीन गुना रफ्तार दिए जाने की जरूरत है। ताकि प्रतिवर्ष एनीमिया के मामलों में तीन गुना कमी आए। उन्होंने कहा कि बच्चे जन्म के 42 दिन में पहले आशा और एएनएम को उसे घर छह बार जाना पड़ता था। अब बच्चे के डेढ़ माह से 15 माह के बीच आशा और एएनएम को 15 बार देखभाल के लिए उसके घर जाना होगा। कहा कि शिशु के जीवन के एक हजार दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस बीच सीधी बातचीत में विभिन्न जनपदों की आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कर्मियों ने अपने अनुभव को प्रधानमंत्री से साझा किया। सुरक्षित मातृत्व अभियान को बनाने के लिए संकल्प लेने को कहा। पीएम ने आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इंद्रधनुष आपके वजह से आगे बढ़ा है। आयुष्मान भारत की पहली लाभार्थी करिश्मा का भी जिक्र पीएम ने किया।

पीएम ने की सौगातों की बरसात

अंबेडकरनगर : स्वास्थ्य कर्मियों से सीधा संवाद साधते हुए प्रधानमंत्री ने उनकी मेहनत का फल और मीठा करने का प्रयास किया। इस दौरान आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए सौगातों की बरसात की। प्रधानमंत्री ने आशा को अभी तक मिल रहे पारिश्रमिक दोगुना किए जाने की घोषणा की। इसके अलावा आशा और आंगनबाड़ी कर्मियों को चार लाख रुपये का रिस्क कवर दिए जाने की बात कही। केंद्रांश के रूप में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलने वाले मानदेय तीन हजार रुपये के स्थान पर अब 4500 रुपये दिया जाएगा। सहायिका को 1500 मानदेय के स्थान पर अब 2250 रुपये दिए जाने तथा मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 2200 रुपये मानदेय के स्थान पर अब 3500 रुपये मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा राज्यांश का भी लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री से मिली सौगात और सराहना के बाद मुदित स्वास्थ्य कर्मियों ने ताली बजाकर अपनी खुशी का इजहार किया।


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