मौसम ने बदली करवट, तेज बारिश से आफत में अन्नदाता
रविवार की दोपहर करीब एक बजे मौसम एकाएक करवट बदलने लगा।
अंबेडकरनगर: रविवार की दोपहर करीब एक बजे मौसम एकाएक करवट बदलने लगा। आसमान पर काले बादलों ने दस्तक दी और तेज हवा चलने लगी। देखते ही देखते बारिश शुरू हो गई। करीब एक घंटे तक मेघा जमकर बरसे। इससे कई जगह जलभराव की स्थिति बनी है। अचानक शुरू हुई बरसात से रास्ते में लोग सिर छिपाने के लिए सुरक्षित स्थान तलाशने लगे, तो बाइक सवार और पैदल यात्री तरबतर दिखे। तेज हवा संग बारिश के बीच कुछ देर तक यातायात थम गया था, हालांकि बारिश होने से गर्मी कम हुई लेकिन बाद में चटख धूप खिलते ही उमस ने परेशान कर दिया। जिले में तापमान अधिकतम 32 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में काले बादलों की आवाजाही लगे रहने का अनुमान लगाया है। अक्टूबर माह में गर्मी के कम नहीं होने और उमस तेज रहने से जनजीवन बेहाल है। उधर खेत में पककर तैयार धान की फसल को नुकसान होने का डर सताने लगा है। नदियों के किनारे खेतों से बाढ़ का पानी अभी हटा नहीं है। नमी भी काफी बरकरार है। ऐसे में यह बरसात कम होती मुसीबतों को बढ़ाने वाली साबित हो सकती है। आसमान पर घुमड़ रहे काले बादलों को देखकर अन्नदाता को पसीना छूट रहा है।
-पेड़ एवं डाल गिरने से रास्ता व बिजली आपूर्ति बाधित-
महरुआ : रविवार को दोपहर में मौसम ने करवट बदलते हुए अचानक तेज आंधी के बीच बारिश होने लगी। इस दौरान भीटी-महरुआ मार्ग पर सेहरा जलालपुर गांव के पास सड़क पर एक विशाल पेड़ गिर गया। इससे कई घंटों तक रास्ता बाधित रहा है। ग्रामीणों ने पेड़ को काटकर रास्ता को साफ किया। वहीं महरुआ विद्युत उपकेंद्र से जुड़े हैं हिडी पकड़िया ,बरामदपुर जरियारी, गांव में 11 हजार वोल्टेज तार पर पेड़ की डालियां टूट कर गिर गई। इससे पौतना फीडर की आपूर्ति बंद हो गई।
-हवा व बारिश से पकी धान की फसल धराशाई- सम्मनपुर : बंगाल की खाड़ी में उठे तूफान के चलते अचानक एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलने से क्षेत्र के कई इलाकों में इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा। रविवार दोपहर बाद हवा के साथ हुई झमाझम बारिश के कारण धान की पकी फसल खेत में धराशाई हो गई। कुछेक किसानों के घर पर मड़ाई किया हुआ धान बाहर रहने से भीग गया। इससे किसानों की चिता बढ़ गई है। पकी हुई धान की फसल को कुछ किसान हार्वेस्टर से काटकर अनाज को घर पर पहुंचने के बाद भी सुरक्षित नहीं कर सके। मौसम की मार ने किसानों को तोड़ दिया है। किसान हरिशचंद्र मिश्र, समरबहादुर सिंह, रामअजोर, विनोद वर्मा, सुधीर यादव, परशुराम, बहाऊ, अतुल सिंह, नारायण चौधरी आदि ने बताया कि अचानक हुई बारिश ने कमर तोड़ दिया है। इससे बड़ी आर्थिक क्षति हुई है। एक पखवाड़े बाद फिर हुई बारिश ने अरमानों पर पानी फेर दिया।