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चिकित्सालय में पेयजल व गंदगी से जूझ रहे मरीज

अंबेडकरनगर : संयुक्त जिला चिकित्सालय में नामित संस्था के कर्मियों की लापरवाही से वार्डों के

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jun 2018 09:49 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jun 2018 09:49 PM (IST)
चिकित्सालय में पेयजल व गंदगी से जूझ रहे मरीज
चिकित्सालय में पेयजल व गंदगी से जूझ रहे मरीज

अंबेडकरनगर : संयुक्त जिला चिकित्सालय में नामित संस्था के कर्मियों की लापरवाही से वार्डों के अलावा परिसर में गंदगी का अंबार लगा रहता है। सफाई के लिए तीमारदारों को स्वयं ही झाड़ू लगाना पड़ता है। वार्डों के साथ एड्स नियंत्रण इकाई में सफाई ने होने से कार्य बाधित रहता है। ओपीडी कक्ष में चिकित्सक मौजूद रहे जिससे मरीजों की तादाद में भी काफी इजाफा रहा। पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती नौ बच्चों को गुणवत्ता विहीन आहार दिए जाने की शिकायत सामने आई है। वार्डाें में पानी की आपूर्ति भी बाधित है। ऐसे में मरीजों के लिए लोगों को बोतलों में पानी भर कर ले जाना पड़ रहा है। जागरण टीम ने सवा 11 बजे जिला चिकित्सालय में दस्तक दी। ओपीडी कक्ष में चिकित्सक मरीजों को देखकर कर दवा लिख रहे थे। टीकाकरण कक्ष में महिलाओं की जांच तथा टीकाकरण किया जा रहा था। कार्यालय में लगभग सभी लिपिक मौजूद मिले। पैथालॉजी कक्ष में अल्ट्रासाउंड के लिए महिलाओं की भीड़ एकत्र रही। 12 बजे तक सभी का अल्ट्रासाउंड हो चुका था। वार्डों का जायजा लेने के दौरान बताया गया कि मरीजों को समय पर दूध नहीं दिया जाता है। वार्ड नंबर तीन में महिला अपने मरीज के बेड के नीचे स्वयं ही झाड़ू लगा रही थी। पूछने पर बताया कि भैया सफाई के लिए कोई आता ही नहीं है। वार्ड के बगल शौचालय का टैंक टूट जाने से गंदगी के साथ बदबू भी काफी है। इससे लोगों का यहां ठहरना मुश्किल हो गया है। वार्ड के बाहर अग्निशन के लिए रखे बाल्टियों को पीकदान बना दिया गया है। सफाई न होने से वार्ड में तीमारदारों को स्वयं झाड़ू लगाना पड़ता है। वहीं परिसर में बना पेयजल टोटियां भी पूरी तरह से खराब पड़ी हैं। इसके अलावा शौचालयों को बंद कर रखा गया है। चिकित्सालय के परिसर में रखे कूड़ेदान भी शोपीस बने हुए हैं। इसमें कूड़ा भरा है, लेकिन सफाईकर्मी निकालने को तैयार नहीें हैं।

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-वार्डों में पेयजल की समस्या-

अंबेडकरनगर : चिकित्सालय के किसी भी वार्ड में पेयजल की सुविधा नहीं है। परिसर में लगा पंप आए दिन खराब हो जाने से तीमारदारों को हैंडपंप से बोतल भरकर ले जाना मजबूरी हो गया है। इतना ही नहीं शौचालयों की भी सफाई नहीं होने से लोगों को स्वयं ही सफाई करना पड़ता है। तीमारदार सुरेश कुमार ने बताया कि वार्ड में किसी भी टोटी में पानी नहीं आ रहा है इसलिए यहां से पानी ले जाना पड़ता है।

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वार्ड के अलावा अन्य स्थानों की सफाई के लिए निजी संस्था का चयन हुआ है। इसमें कर्मियों की लापरवाही की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। वैसे मैं स्वयं वार्डों का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करता हूं।

-डॉ. संत प्रकाश गौतम

सीएमएस, जिला चिकित्सालय


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