ठंड में बेघर खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर
नगर पालिका अकबरपुर के 25 वार्ड में कहीं न तो अस्थाई रैनबसेरा बन सका है। लोग अलाव न जलने से परेशान हैं।
अंबेडकरनगर: नगर पालिका अकबरपुर के 25 वार्ड में कहीं न तो अस्थाई रैनबसेरा बन सका है, न ही अलाव जल रहे हैं। ऐसे में जिन लोगों का ठिकाना ही फुटपाथ है, उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ठेले, खोमचे वालों के साथ ही अन्य जरूरतमंद रैनबसेरे की राह देख रहे हैं, लेकिन निकाय प्रशासन उदासीन बना है। हर वर्ष नवंबर में गांधी आश्रम एवं अकबरपुर स्टेशन रोड पर अस्थाई रैनबसेरे का संचालन शुरू कर दिया जाता था, लेकिन इस बार देरी के चलते गरीबों को रात खुले आसमान में गुजारनी पड़ रही है।
केस एक : रात आठ बजे।
नगर में ओवरब्रिज के नीचे हर साल अस्थाई रैनबसेरा बनाया जाता है, लेकिन इस साल इसका अता-पता नहीं है। यहां एक गरीब परिवार ठंड में जमीन पर एक हलके कंबल के सहारे रात गुजारने की कोशिश कर रहा था। कैमरे का फ्लैश चमकते ही उठकर बैठ बोल पड़े, साहब गरीब हैं, रात गुजारने के लिए यहां लेटे हैं। कोई गलती हो गई हो तो यहां से चले जाएं। यहां अलाव की भी कोई व्यवस्था नहीं मिली।
केस दो : अकबरपुर रेलवे स्टेशन
स्टेशन परिसर के बाहर यात्रियों के अलावा टैक्सी चालक व निराश्रित खुद को ठंड से बचाने के लिए अलाव के पास खड़े मिले। वहां मौजूद कबीर ने बताया कि 12 बजे तक अलाव की आग ठंडी पड़ जाती है। तहसील तिराहे पर पुलिस के अलावा यात्री अलाव का आनंद ले रहे थे, लेकिन शहजादपुर, पहितीपुर, दोस्तपुर, पटेलनगर, अयोध्या मार्ग व नाका चुंगी चौराहे पर लोग ठंड से ठिठुरते नजर आए। यहां अलाव की कोई व्यवस्था नहीं थी।
बिना सभासदों की सहमति व बोर्ड में प्रस्ताव पास हुए ही लकड़ी का टेंडर मनमाने तरीके से करा दिया गया है।
ललित मोहन श्रीवास्तव, सभासद
ठंड चालू हो जाने के बाद भी अस्थाई रैनबसेरों का संचालन न होने की जांच कराकर जल्द ही इसे शुरू कराया जाएगा।
पवन जायसवाल, एसडीएम
अकबरपुर