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बाढ़ का पानी उतरने के साथ उजड़ी गृहस्थी बसाने की जद्दोजहद

टांडा (अंबेडकरनगर) : घाघरा नदी का जलस्तर तेजी से नीचे उतर रहा है। मंगलवार को नदी क

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 12:11 AM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 12:11 AM (IST)
बाढ़ का पानी उतरने के साथ उजड़ी गृहस्थी बसाने की जद्दोजहद

टांडा (अंबेडकरनगर) : घाघरा नदी का जलस्तर तेजी से नीचे उतर रहा है। मंगलवार को नदी का पानी खतरे के निशान से 37 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया है। मांझा उल्टहवा के ग्रामीण उजड़ी गृहस्थी पुन: बसाने में लग गए हैं। गांव के दर्जनों पशु बीमार है। मेडिकल टीम गांव के दो पुरवों में शिविर लगाकर पशुओं का उपचार किया। नगर पालिका संक्रामक रोगों के रोकथाम में जुटी है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान 92.730 मीटर से 92.360 मीटर पर पहुंच गया है। नदी के दो जल धाराओं के बीच बसे मांझा उल्टहवा, मांझा कला के सैकड़ों ग्रामीणों की गृहस्थी उजड़ गई थी। नदी की बाढ़ ने बहुत कुछ बर्बाद कर दिया था। प्रधान प्रतिनिधि शिवप्रसाद यादव ने बताया कि ग्रामीण उजड़ी गृहस्थी बनाने में लग गए हैं। नदी की बाढ़ उतरने के बाद गांव के दर्जनों पशु बीमार हो गए हैं। मंगलवार उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी चौरसिया की अगुआई में पशु चिकित्सक टीम में पशुधन अधिकारी डॉ. मनोज कुमार, पशुकर्मी जीत बहादुर, राम सुभाव यादव, अर्शे आलम ने प्रभावित गांवों का भ्रमण किया। माझा उल्टहवा गांव के केवटहिया, सरपतहिया पुरवों में शिविर लगाकर 30 बीमार पशुओं का उपचार कर पशुपालकों को दवाएं वितरित किया। डॉ. आरसी चौरसिया में बताया कि पशु बुखार आदि से पीड़ित हैं। दूसरी ओर नगर पालिका परिषद भी नदी का बाढ़ उतरने के बाद संक्रामक रोगों के फैलने से रोकथाम करने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना शुरू कर दिया है।

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