गन्ना सेंटरों पर तौल में खेल, किसानों में रोष
किसानों के गन्ना तौल की सहूलियत के लिए मिल गेट को छोड़कर कुल 37 सेंटर हैं। तौल के लिए किसान परेशान हो रहे हैं।
अंबेडकरनगर: किसानों के गन्ना तौल की सहूलियत के लिए मिल गेट को छोड़कर कुल 37 सेंटर बनाए गए हैं। यहां किसानों का गन्ना पर्ची के अनुसार तौला जाता है। किसान मिझौड़ा चीनी मिल पर तौल के मानक में खेल होने का आरोप लगा रहे हैं। सेंटर प्रभारी मिल प्रशासन के कांटे की क्षमता कम होने का राग अलाप रहे हैं। गत साल सेंटर की पर्ची पर 40 से 45 क्विंटल गन्ने की तौल होती थी, वहीं इस साल 35 से 38 क्विटल गन्ना तौल होने से किसानों में रोष है।
जनपद के कुल 1792 गांव में करीब 56 हजार किसान चीनी मिल को गन्ना आपूर्ति के लिए विभाग में पंजीकृत हैं। सर्वे के मुताबिक पेराई सत्र में करीब 23 हजार 500 हेक्टेयर भूमि में पेड़ी व बोवारी गन्ने की फसल लगी है। पर्ची के रूप में मोबाइल पर मैसेज भेजा जाएगा। इनामीपुर सेंटर पर तौल कराने आए गौरा गूजर निवासी रमाशंकर, पहाड़ी राम, रमेश कुमार वर्मा ने बताया कि पिछली साल जिस खर्चे में हम लोग 45 क्विंटल गन्ना तौल करवाते थे, इस साल 35 क्विंटल ही तौल कर पा रहे हैं। सेंटर प्रभारी रमेश कुमार ने बताया कि गत वर्ष 10 टन का कांटा तौल के लिए लगाया गया था। इस बार पांच टन का लगने से समस्या हुई है। मिल प्रशासन के उच्चाधिकारियों का जो आदेश है, वही हम कर रहे हैं।
किसानों को गन्ना छिलकर सेंटर भेजने में समय लगता था। गन्ना सूखने से किसानों का नुकसान रोकने के लिए ऐसा सिस्टम बनाया गया है। पर्ची भी किसानों को जारी हो रही है।
अरविद कुमार सिंह
चीनी मिल प्रबंधक (गन्ना)
तौल सेंटरों पर 10 टन का ही कांटा लगाना होता है और जहां तक मेरी जानकारी है, वही लगा है। इसको लेकर सेंटरों का निरीक्षण किया जाएगा।
अजय कुमार सिंह
सचिव, गन्ना विभाग