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मझवार उपजाति को जारी किया पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र

अंबेडकरनगर : तहसील क्षेत्र के मुबारकपुर के रहने वाले दर्जनों मझवार उपजाति के लोगों क

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 10:36 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 10:36 PM (IST)

मझवार उपजाति को जारी किया पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र
मझवार उपजाति को जारी किया पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र

अंबेडकरनगर : तहसील क्षेत्र के मुबारकपुर के रहने वाले दर्जनों मझवार उपजाति के लोगों को पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र जारी हो गया। इस गड़बड़ झाले का खुलासा हो जाने के बाद हड़कंप है। गड़बड़ी की शिकायत, राजस्व परिषद, मुख्यमंत्री से करते हुए कार्रवाई की मांग की गई है।घाघरा नदी के किनारे बसे दर्जनों गांवों में मांझी, मझवार उपजाति की हजारों की जनसंख्या निवास करती है। इस उपजाति का पुस्तैनी मुख्य पेशा नदियों में मछलियों का आखेट करना रहा है। यह उपजाति सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अत्यंत पिछड़ी हुई है। इस समाज में व्याप्त गरीबी के कारण आजादी के इतने दिन बीत जाने के बाद भी शिक्षा का स्तर निचले पायदान पर है। बहुत कम लोग शिक्षा ग्रहण कर सेवा में हैं। हजारों परिवार अब भी पुस्तैनी चले आ रहे पेशे पर ही जीवनयापन कर रहे हैं। सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े होने के कारण मांझी, मझवार उपजाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी में हैं।

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-1954 में पहली बार जारी हुआ था अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र-टांडा : यहां के मझवार उपजाति के लोगों को भारतीय संविधान के लागू होने के बाद से ही अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी होना शुरू हो गया था। वर्ष 1954 में टांडा (अब आलापुर) तहसील के बिड़हर गांव के रहने वाले लक्ष्मीकांत पुत्र सीताराम को तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट फैजाबाद बीएम सेठ ने मझवार जाति का प्रमाणपत्र जारी किया था। समय बीतने के साथ अनुचित दवाव के कारण अधिकारियों ने यह कहना शुरू कर दिया कि यहां मझवार उपजाति के व्यक्ति तहसील क्षेत्र में नहीं है। छज्जापुर मोहल्ले के रहने वाले प्रेम प्रकाश पुत्र कंहैयालाल 1992 में उच्च न्यायालय के आदेश पर मझवार उपजाति का प्रमाण पत्र अनुसूचित जाति के अंतर्गत जारी किया गया। अब एक एक प्रमाण पत्र के लिए इस बिरादरी के लोगों को उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ रही है।

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-रग्घुन देवी भी हुई गड़बड़ी का शिकार-टांडा : नगर क्षेत्र के मुबारकपुर की रहने वाली मझवार उपजाति की रग्घुन देवी को तत्कालीन तहसीलदार राजेश ¨सह ने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी किया था। इसी महिला को अब पिछड़ी का प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया है। रग्घुन देवी अकेली नहीं हैं। बताते हैं दर्जन से अधिक लोग हैं जिन्हें पहले एससी अब बीसी का प्रमाण पत्र जारी हो गया है। तहसीलदार मेवालाल ने बताया कि शिकायत मिलने पर जांच कर कर्रवाई की जाएगी।


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