मशीनरी 'फेल' राशन कालाबाजारी का जारी 'खेल'
अंबेडकरनगर : गरीबों को उनके हिस्से का सस्ता राशन मिल सके इसके लिए सरकारी मशीनरी क
अंबेडकरनगर : गरीबों को उनके हिस्से का सस्ता राशन मिल सके इसके लिए सरकारी मशीनरी की लाख कोशिशें खाद्यान्न माफियाओं के आगे फेल नजर आती हैं। वजह विपणन गोदामों से लेकर कोटा दुकानों तक राशन की कालाबाजारी को रोकने में अधिकारी नाकाम हैं। इसकी गवाही विगत दिनों में बाजार में बिकने से पहले पकड़े गए सरकारी खाद्यान्न से लगाया जा सकता है। हालांकि एकाध मामले ही पकड़ में आते हैं, इसपर भी जांच का पर्दा डाल दिया जाता है। शहरी क्षेत्र में ई-पॉश मशीन के जरिए राशन वितरण की व्यवस्था लागू होने से कुछ हद तो लगाम लगी है, लेकिन ग्रामीणांचल में अभी भी विपणन गोदामों से लेकर कोटा दुकानों तक खाद्यान्न माफियाओं की दखल दिखती है।
विपणन विभाग से लेकर प्रशासन और पूर्ति विभाग की ओर से राशन सत्यापन के तीन चरण होने के बाद भी चालू माह में विगत दिनों हुई कार्रवाई पर गौर किया जाए तो आठ कोटा दुकानों पर कार्रवाई हो चुकी है। इसमें आलापुर तहसील क्षेत्र के कल्याणपुर पहितियापुर में कोटेदार दिलीप कुमार का अनुबंध निलंबित किए जाने के साथ ही मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। इसके साथ ही सात हजार रुपये धरोहर राशि को भी जब्त किया गया है। इसी तहसील क्षेत्र के चाड़ीपुर कला गांव में कोटेदार राम स्वरूप की कोटा दुकान को अनियमितता पाए जाने पर निलंबित किया गया है। भीटी तहसील क्षेत्र में नर¨सहदासपुर के कोटेदार संतोष कुमार ¨सह तथा पकड़ी नगउपुर के कोटेदार राम उजागिर मिश्र का कोटा अनुबंध निलंबित किए जाने के साथ ही पांच-पांच हजार रुपये धरोहर राशि को भी जब्त किया गया है। जलालपुर तहसील क्षेत्र में ताहापुर गांव के कोटेदार रामचेत का भी कोटा निलंबित किया गया है। टांडा तहसील क्षेत्र में बिहलोलपुर की कोटेदार सुमन का भी कोटा अनियमितता पाए जाने पर निलंबित किया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि सत्यापन के दौरान लाभार्थियों को शतप्रतिशत राशन वितरित किए जाने की पुष्टि करने वालों ने किस आधार पर अपनी सहमति जताई। जानकारी के मुताबिक सत्यापन अधिकारी राशन की उठान से लेकर वितरण तक जांच करना मुनासिब नहीं समझते हैं। गत सप्ताह टांडा में पकड़े गए कालाबाजारी के लिए गए सरकारी राशन को लेकर अधिकारी बचाव की मुद्रा में नजर आते हैं। जिला पूर्ति अधिकारी नीलेश उत्पल बताते हैं कि पूर्ति निरीक्षकों के माध्यम से लगातार निगरानी की जाती है। कोटा दुकानों पर भी जांच के दौरान गड़बड़ी पर कार्रवाई होती है। सत्यापन में लगे अधिकारियों तथा कर्मचारियों की आख्या पर ही वितरण को पूरा माना जाता है। जिलाधिकारी के सख्त निर्देश से सत्यापन कर्मियों को अवगत कराया गया है।