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पॉलीथिन के साथ बीमारी भी ला रहे घर

अंबेडकरनगर : पॉलीथिन का उपयोग कर लोग जाने अनजाने में बीमारी को दावत दे रहे हैं। पॉलीि

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 10:17 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 10:17 PM (IST)
पॉलीथिन के साथ बीमारी भी ला रहे घर

अंबेडकरनगर : पॉलीथिन का उपयोग कर लोग जाने अनजाने में बीमारी को दावत दे रहे हैं। पॉलीथिन में बंद सामानों के सेवन से कैंसर समेत अन्य घातक बीमारी का खतरा बना रहता है। बड़ी संख्या में लोग ऐसी बीमारी से संक्रमित भी हो रहे हैं। इससे बचाव के लिए शासन ने पॉलीथिन के उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। बावजूद इसके शासन के आदेश का पालन जिले में कड़ाई से लागू नहीं हो पा रहा है।

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जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों में भी पॉलीथिन के प्रयोग का सिलसिला रोक के बावजूद बदस्तूर चल रहा है। उपजाऊ भूमि को बंजर बनाने वाली पॉलीथिन ही जिले में प्रदूषण का अहम कारण बनी हुई है। बिखरे पड़े कूड़ों के ढ़ेर में पॉलीथिन ही बहुतायत संख्या में दिखाई पड़ती है। अक्सर नौनिहाल भी कूड़ों के ढेर से पॉलीथिन व प्लास्टिक के सामानों को बीनते दिख जाते हैं। इसके प्रयोग पर रोकथाम लगाने में प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के चलते प्रत्येक माह जिले में कई कुंतल पॉलीथिन की खपत हो रही है। इसके प्रयोग से गंदगी को भी बढ़ावा मिल रहा है। पॉलीथिन का उपयोग जहां आमजन के लिए परेशानी का सबब बना हुआ हैं, वहीं लोग पॉलीथिन में पैक सामानों के साथ बीमारी को भी साथ में घर ला रहे हैं। पॉलीथिन में पैक सामान से कैंसर, हारमोलन डिस्बैलेंस की कमी आ रही है। जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. एसपी गौतम बताते हैं कि पॉलीथन जहां वातावरण के लिए हानिकारक है, वहीं लोगों की ¨जदगी में वह जहर घोल रही है। कारण कि पॉलीथिन में सामानों के सेवन से कैंसर जैसी घातक बीमारी होती है। इसके अलावा लोगों को त्वचा में एलर्जी, हारमोनल डिस्बैलेंस से भी कई तरह की बीमारी होती है। हारमोनल डिस्बैलेंस सक लोगों के शारीरिक विकास पर प्रभाव पड़ता है। बावजूद इसके प्रशासन इसकी रोकथाम को प्रभावी ढंग से लागू करने से गुरेज कर रहा है। जिले में पॉलीथिन का उपयोग छोटी दुकानों से लेकर बड़े प्रतिष्ठानों पर किया जा रहा है। आलम यह है कि जिले में प्रत्येक माह पांच सौ किलोग्राम से अधिक पॉलीथिन नगर म ं कूड़े में निकलती है। वहीं करीब 40 से 50 कुंतल पॉलीथिन का उपयोग प्रतिमाह किया जाता है। शासन के सख्त निर्देश के बावजूद जिला प्रशासन एवं नगर पालिका अभी तक कोई प्रभावी पहल नहीं कर सका है। प्रशासन के छापेमारी के दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं।

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-रिसाइकि¨लग के लिए दें मोटी पॉलीथिन व प्लास्टिक-

अंबेडकरनगर : शासन ने 50 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन पर रोक लगा दी है। कारण कि पतली पॉलीथिन रिसाइकि¨लग के लायक नहीं होती, लेकिन मोटी पॉलीथिन एवं प्लास्टिक रिसाइकि¨लग कर उसका दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है। इसके लिए लोगों को जागरुक होना होगा। लोगों को घरों से निकलने वाली पॉलीथिन एवं प्लास्टिक के टूकड़ों को रोजाना सुबह एकत्र कर कबाड़ी एवं कूड़े में प्लास्टिक बीनने वालों को देना चाहिए। जिससे पॉलीथिन के रिसाइकि¨लग के बढ़ावा मिलेगा। जिले में रोजाना करीब एक कुंतल से अधिक पॉलीथिन रिसाइकि¨लग के लिए एकत्र की जाती है। --------------

-प्रभावी रोकथाम के लिए नगर पंचायत की तैयारी-

किछौछा : नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा में अध्यक्ष शबाना खातून की अध्यक्षता व अधिशासी अधिकारी राजमणि वर्मा की मौजूदगी में बैठक हुई। इसमें पॉलिथीन मुफ्त नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा को

करने के लिए सपा नेता गौस अशरफ, व्यापार मंडल अध्यक्ष बसखारी राम कुमार गुप्त, लल्लन सोनी के साथ सभासदों एवं सम्मानित नागरिकों ने सहमति जताई। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित श्रेणी के पॉलिथीन, कैरीबैग, प्लास्टिक और थरमाकोल वस्तुओं यदि किसी दुकानदार के पास पाई जाती है तो उससे समन शुल्क वसूला जाएगा। इसमें सौ ग्राम तक पाए जाने पर एक हजार, 100 स 500 ग्राम पाए जाने पर दो हजार, एक किलोग्राम पाए जाने पर पांच हजार, एक से पांच किलोग्राम तक पाए जाने पर दस हजार, पांच किलोग्राम से अधिक पाए जाने पर 25000 रुपये शमन शुल्क वसूला जाएगा। जेई बजरंगी लाल सोनी, अभिषेक कुमार यादव, राकेश ¨सह, राकेश, रमेश रावत, नदीम खान, प्रदीप कुमार, जफरुल्ला, मोहम्मद नसीम, अरसी खातून, हनुमान प्रसाद, संजय निषाद, आत्माराम वर्मा, जियालाल, अमर ¨सह, अजय कुमार, गोपाल, नदीम खान आदि मौजूद रहे।----------------

-बैठक में व्यापारियों ने ली शपथ-

मुबारकपुर : टांडा नगर क्षेत्र से पॉलीथिन पर पाबंदी को लेकर नगर पालिका टांडा ने पहल शुरू कर दिया है। मंगलवार को अधिशासी अधिकारी आशीष ओझा की अध्यक्षता में पॉलीथिन का प्रयोग न किए जाने के संबंध में बैठक हुई। इसमें भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष दीपक केडिया के नेतृत्व में दर्जनों व्यापारी बैठक में उपस्थित हुए। दीपक केडिया ने कहा कि प्लास्टिक अथवा पॉलीथिन कभी न नष्ट होने वाला पदार्थ है। इसके अधिक उपयोग से वे गांव घर के नालों नालियों में कूड़े के रूप में एकत्र हो जाते हैं। भयंकर बीमारियों के फैलने का अंदेशा हो जाता है जिससे पूरा क्षेत्र प्रभावित होता है। बैठक में मौजूद व्यापारिया ं को अधिशासी अधिकारी ने पॉलीथीन का प्रयोग न करने की शपथ दिलाई। मोहम्मद हुसैन, अभिषेक मौर्य, मोहम्मद अहमद, भाजपा पूर्व नगर अध्यक्ष दीपक केडिया, बबुआ अग्रवाल, दशरथ मांझी आदि मौजूद रहे।

अंबेडकरनगर : अकबरपुर नगरपालिका परिषद में आयोजित बैठक में अध्यक्ष सरिता गुप्ता, उनके प्रतिनिधि व भाजपा नेता मनोज गुप्त गुड्डू, अधिशासी अधिकारी सुरेश कुमार मौर्य ने मातहतों के साथ पॉलीथिन का प्रयोग न करने का शपथ लिया। इस दौरान वरिष्ठ लिपिक बृजेश शुक्ला,अशोक पांडेय, रमाकांत वर्मा, अनूप कुमार आदि मौजूद रहे।

------------------हाथ में दिखने लगे थैले-

अंबेडकरनगर : दैनिक जागरण द्वारा पॉलीथिन पर प्रतिबंध व उससे होने वाले नुकसान के प्रति चलाए जा रहे अभियान का असर भी दिखने लगा है। लोग जागरूक हो रहे हैं। ब धवार को नगर के शहजादपुर स्थित सब्जी मंडी में कई लोगों के हाथ में थैला नजर आया। लोग सब्जी आदि की खरीदारी करने के लिए घरों से थैला लेकर बाजार में आने लगे हैं। कृष्णानगर कॉलोनी से आई गुड़िया, प्रेमा व रोशनी का कहना है कि पॉलीथिन पर प्रतिबंध है। यह स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। इसलिए हम लोग थैला लेकर सब्जी लेने आए हैं।

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पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए सभी को पॉलीथिन के उपयोग से परहेज करना चाहिए। जिससे प्रदूषण पर रोक लगाई जा सकती है। सभी को इसके लिए संकल्प लेना चाहिए। जिसके बाद ही पॉलीथिन के प्रयोग पर रोक लग सकेगी। हमें अपने से ही सुधार करनी चाहिए।

डीपी ¨सह

अधिवक्ता, जनपद न्यायालय अंबेडकरनगर

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पॉलीथिन से होने वाले नुकसान पर रोक लगाने के लिए सभी को उसका प्रयोग न करने का संकल्प लेना होगा। साथ ही इसके लिए पहल करनी चाहिए। जिसके उपरांत ही पॉलीथिन की समस्या पर प्रभावी रोक लग सकेगी। लोगों को कागज एवं कपड़ों के थैले का उपयोग करना चाहिए।

डॉ. डीपी वर्मा

फीजिशियन, जिला चिकित्सालय अंबेडकरनगर


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