डेढ़ गुना तक बढ़ गए आक्सीजन के दाम
कोरोना मरीज बढ़े तो आपूर्तिकर्ताओं ने भी दाम बढ़ा दिए। वार्डो में ऑक्सीजन की आपूर्ति में पाइपलाइन बाधक बनी।
अंबेडकरनगर : कोरोना महामारी के चलते आक्सीजन गैस के भाव चार महीनों में आसमान छूने लगे हैं। सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में भर्ती हो रहे कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ी तो इसके भाव भी डेढ़ गुना तक बढ़ गए।
जिले में कोरोना का पहला मामला 11 मई को आया था। इसके बाद रोजाना ही संक्रमितों की संख्या बढ़ती गई। जिले में कोविड स्पेशल अस्पताल नहीं होने के चलते कुछ दिनों तक यहां के मरीजों को पड़ोसी जनपद सुलतानपुर और बाराबंकी शिफ्ट किया जाता रहा। बाद में जिला अस्पताल में एल-वन और टांडा स्थित मेडिकल कालेज में एल-टू हॉस्पिटल बनने से यहां मरीजों को भर्ती किया जाने लगा। अब तक जिले में कुल 1184 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। जिन्हें ऑक्सीजन की सख्त जरूरत पड़ती रही। गुरुवार को मेडिकल कॉलेज में भर्ती 33 मरीजों में 22 को ऑक्सीजन पर रखा गया। इस तरह सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन की मांग में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई। इसका फायदा ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं ने भी खूब उठाया और दाम अचानक डेढ़ गुना तक बढ़ा दिया। छोटा सिलिडर जो मार्च-अप्रैल में 200 से 225 के आसपास मिलता था अब वह 360 से 370 रुपये में मिल रहा है। वहीं बड़ा सिलिडर 630 रुपये से लेकर 650 रुपये तक में मिल रहा है। बड़े सिलिडर में मार्च की अपेक्षा करीब 150 रुपये का उछाल आया है। जिले में आक्सीजन सिलिडर की आपूर्ति सुलतानपुर जिले से हो रही है।
जिला चिकित्सालय के वार्डों में नहीं पाइपलाइन : जिला चिकित्सालय में आक्सीजन प्लांट संचालित है, लेकिन इसकी आपूर्ति इमरजेंसी व एसएनसीयू वार्ड तक ही सीमित है। वृद्धा, ओटी, प्रसव वार्डो में पाइपलाइन की व्यवस्था न होने से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है। आवश्यकता पड़ने पर बाजार से सिलिडर खरीदना मजबूरी है। हालांकि वार्डों में मरीजों को चिकित्सालय प्रशासन सिलिडर की खरीद करता है।
मार्च-अप्रैल में मरीज कम होने के साथ ऑक्सीजन की जरूरत रही कम : जिला चिकित्सालय के प्रबंधक हर्षित कुमार गुप्त ने बताया कि मार्च-अप्रैल में इमरजेंसी और वार्ड नंबर एक ही संचालित था। इसमें 23 मरीज भर्ती थे। उस दौरान प्रतिदिन एक सिलिडर ही ऑक्सीजन की खपत रही। लेकिन अब मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। अब रोजाना आठ से 10 सिलिडर ऑक्सीजन की खपत है। इसके अलावा कोविड हॉस्पिटल में खपत कहीं ज्यादा है।
सीएमओ डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जिला चिकित्सालय में मरीजों की संख्या कम होने से ऑक्सीजन की खपत बेहद कम रही। लेकिन, अब कोविड अस्तपतालों में खपत बढ़ी है तो इसके दामों में भी कुछ वृद्ध हुई है। फिर भी सभी स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है। वार्डों में पाइपलाइन की व्यवस्था की जा रही है।