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दस दिन की मांग रहे आखिरी मोहलत

अंबेडकरनगर : स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत स्वच्छता ही सेवा अभियान और गांवों को खुले

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 09:50 PM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 09:50 PM (IST)
दस दिन की मांग रहे आखिरी मोहलत
दस दिन की मांग रहे आखिरी मोहलत

अंबेडकरनगर : स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत स्वच्छता ही सेवा अभियान और गांवों को खुले में शौच मुक्त करने की उम्मीदें अभी अधर में लटकी हैं। फिलहाल धरातल पर इसके पूरा होने में चंद कदम ही बाकी हैं। हालांकि जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी की लगातार निगरानी तथा कार्रवाई का चाबुक चलाने से निर्माण तेजी से शुरू हो गई हैं। बावजूद इसके शौचालयों को निर्माण पूरा कराने के लिए ग्राम सचिवों ने दस दिन की मोहलत मांगी है। इस बीच अधूरे कार्यों को अंतिम रूप दिए जाने का दावा किया जा रहा है। उधर शासन की सख्ती के कारण अधिकारी किसी प्रकार की राहत देने को तैयार नहीं। ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी दिनों में अन्य चिन्हित लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई तय है।

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गौरतलब है कि गांधी जयंती के मौके पर गत दो अक्टूबर को जनपद को ओडीएफ घोषित किया जाना था। हालांकि धरातल पर शौचालयों का निर्माण पूरा नहीं होने तथा कर्मचारियों की ओर से लगातार भ्रामक प्रगति दिखाए जाने के कारण निर्माण कार्य शिथिल रहा। उधर शासन की मंशा पर जिलाधिकारी ने जनपद स्तरीय अधिकारियों को नोडल नामित करते हुए स्थलीय सत्यापन शुरू कराया तो आंकड़े चौंकाने वाले रहे। इन हालात में अंतिम तिथि तय करते हुए समीक्षा का दौर शुरू हुआ। इसके साथ ही ग्राम सचिवों से लेकर सफाई कर्मचारियों पर भी कार्रवाई का खूब चाबुक चला। इसके बाद ग्राम पंचायत स्तर पर शौचालय के निर्माण को पंख लग चुका है। फिलहाल 15 तथा 20 अक्टूबर तक निर्माण पूरा कराए जाने की तिथि भी बीत चुकी है। लिहाजा कर्मचारियों को कार्रवाई का डर फिर से सताने लगा है। खास बात है कि अभी तक अधिकारियों की ओर से कार्य पूरा कराने के लिए अंतिम अवसर दिया जाता रहा है। जबकि इस बार कर्मचारियों ने दस दिन की आखिरी मोहलत मांगी है। बताया जा रहा है कि शौचालयों का निर्माण 90 फीसद तक पूरा हो चुका हैं। निर्माणाधीन शौचालयों को अंतिम रूप दिया जाना ही बाकी है। इसमें दो माह पहले बजट हासिल कर चुके लाभार्थियों द्वारा धनराशि का अपव्यय किए जाने अथवा निर्माण नहीं कराए जाने के चलते कर्मचारियों को शौचालय बनवाना गले की फांस बना है। उधर कुशल राजमिस्त्री तथा श्रमिकों की कमी भी बाधक बन रही है। मुख्य विकास अधिकारी उमेश नारायण पांडेय ने कहा कि शौचालय निर्माण के लिए अंतिम मौका दिया जा चुका है। वह तिथि बीत चुकी है, लिहाजा अब सत्यापन करते हुए लापरवाहों को चिन्हित किया जाना है। जनपद के सभी नौ विकासखंडों में क्रिटिकल गांवों को चिन्हित किया गया है। यहां स्वयं निरीक्षण करते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करूंगा।


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