लक्ष्य के जाल में फंसा गरीबों का निवाला
राशन कार्ड बनाने में जनपद का लक्ष्य संतृप्त हो चुका है। कोरोना काल में 17 गुना राशन कार्ड के लिए आवेदन बढ़ा।
रामानुज मिश्रा, अंबेडकरनगर
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को मिलने वाला राशन नियमों के जाल में फंस गया है। आपूर्ति विभाग में इस समय राशन कार्ड के लिए 10 हजार से ज्यादा आवेदन महीनों से लंबित हैं लेकिन, ग्रामीण और निकाय क्षेत्रों का निर्धारित लक्ष्य पूरा होने से इनके बनने की अब कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे में हजारों गरीब परिवार काफी परेशान हैं।
लॉकडाउन के बाद रोजी-रोजगार बंद होने पर घर लौटे प्रवासी मजदूरों के सामने खाने-पीने की दिक्कत शुरू हुई तो सरकार ने उन्हें कुछ दिनों के लिए राशन कार्ड पर मुफ्त अनाज देने की घोषणा की। लोगों ने राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन शुरू किया तो इसमें बेतहाशा वृद्धि हुई। छह महीने में 10 हजार से ज्यादा ऑनलाइन आवेदन आए, जो कि पूर्व की तुलना में करीब 17 गुना ज्यादा है। बहरहाल, आपूर्ति विभाग ने नियमों का हवाला देकर राशन कार्ड बनाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। अब विभाग इन आवेदनों को डिलीट कराने की तैयारी कर रहा है।
जिला पूर्ति अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि निकाय और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में शासन से स्वीकृत अधिकतम लक्ष्य पूरे हो चुके हैं। विभाग के पोर्टल पर लंबित 10 हजार से ज्यादा आवेदन डिलीट कराए जा रहे हैं।
राशन कार्ड बनने में शर्त आ रही आड़े : मौजूदा दौर में राशन कार्ड बनाने के लिए 2011 की जनगणना के आंकड़ों को आधार बनाया गया है। सरकार की शर्तों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 80 और निकाय क्षेत्र में 65 फीसद आबादी का ही राशन कार्ड बनाया जा सकता है। इससे ज्यादा लोगों का किसी भी दशा में राशन कार्ड जारी नहीं हो सकता।
निर्धारित लक्ष्य हासिल कर चुका है जिला : 2011 की जनगणना के मुताबिक जिले की आबादी करीब 24 लाख है। इसमें निकाय क्षेत्र में दो लाख 81 हजार और ग्रामीण क्षेत्र में 21 लाख 71 हजार आबादी बस रही है। अब तक नगर क्षेत्र में अधिकतम स्वीकृत एक लाख 80 हजार यूनिट के 39800 राशन कार्ड और ग्रामीण क्षेत्रों में 16 लाख 73 हजार यूनिट के तीन लाख 60 हजार राशन कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
राशन कार्ड से ये मिलता है फायदा : राशन कार्ड दो तरह के जारी किए जाते हैं। इनमें एक है अंत्योदय और दूसरा पात्र गृहस्थी कार्ड। अंत्योदय कार्डधारकों को हर महीने दो चरणों में रियायती दर पर 50 किलोग्राम राशन और पात्र गृहस्थी कार्ड पर 35 किलोग्राम राशन दिया जाता है।
फैक्ट फाइल
- 65 फीसद शहरी आबादी ही राशन कार्ड पाने की हकदार
- 80 फीसद ग्रामीण आबादी का जारी हो सकता है राशन कार्ड
- 39800 राशन कार्ड बन चुके हैं निकाय क्षेत्र में
- 03 लाख 60 हजार राशन कार्ड बने हैं ग्रामीण क्षेत्र में