दस साल से 730 मनरेगा मजदूरों का 38 लाख दबाए बैठा सिचाई विभाग
वित्तीय वर्ष 2011-12 में अयोध्या जिले के सिचाई खंड अयोध्या द्वारा मनरेगा के तहत कार्य का पेमेंट नहीं किया गया है।
अंबेडकरनगर: वित्तीय वर्ष 2011-12 में अयोध्या जिले के सिचाई खंड अयोध्या द्वारा मनरेगा के तहत कार्य कराया गया था। इसमें मनरेगा के 730 मजदूरों ने काम किया था। दस साल बीतने के बाद भी इनकी करीब 38 लाख रुपये मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ। लंबे इंतजार के बाद 2020 में अनिल कुमार वर्मा आदि ने राज्य सरकार के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की। इसके बाद शासन ने गत मार्च में सिचाई विभाग के एक्सईएन को अविलंब भुगतान करने को निर्देशित किया। उदासीनता और मनमानी की हदें पार करते हुए सिचाई विभाग ने शासन के कहने के पांच माह बाद भी भुगतान छोड़िए अभिलेख तक प्रस्तुत नहीं किए। इसी अभिलेख के आधार पर श्रमिकों की सेवा सत्यापित कर भुगतान किया जाना है।
लटकी कार्रवाई की तलवार : मनरेगा मजदूरों के पसीने की कमाई का करीब 38 लाख रुपये मजदूरी दबाए बैठे सिचाई विभाग के एक्सईएन रजनीश कुमार गौतम पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। न्यायालय के आदेश पर 730 मजदूरों की मजदूरी का भुगतान करने को लेकर सीडीओ ने सिचाई विभाग अयोध्या के एक्सईएन से कार्य से संबंधित अभिलेख में मस्टररोल, वर्क आईडी आदि मांगा था। इसे मुहैया कराने में दस साल बाद भी विभागीय अधिकारी हीला-हवाली कर रहे हैं। ऐसे में न्यायालय के आदेश के अनुपालन में सिचाई विभाग के असहयोग पर खफा सीडीओ घनश्याम मीणा ने एक्सईएन रजनीश कुमार गौतम के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी है। उधर, सीडीओ के शिकंजा कसने के बाद सिचाई खंड अयोध्या की टीम आनन-फानन यहां विकास भवन पहुंचकर डैमेज कंट्रोल की जुगत में लगी है।