बर्तन और फर्नीचर के बाजार में बढ़ी मांग
वैवाहिक आयोजनों के अलावा त्योहार के सीजन ने बर्तन व फर्नीचर के बाजार में रौनक लौट आई है।
अंबेडकरनगर: वैवाहिक आयोजनों के अलावा त्योहार के सीजन ने बर्तन व फर्नीचर के बाजार में रौनक बढ़ा दी है। उपहार देने से लेकर घरों की साज-सज्जा में लोग तेजी से जुट गए हैं। लॉकडाउन और अनलॉक में छाई मायूसी अब व्यापारियों के चेहरों से गायब होकर खुशी में बदल गई है। महीनों से बंद पड़े फर्नीचर बनाने के कारखाने खुल गए और कारीगर सामान तैयार करने में जुटे हैं। बाजारों में अब धीरे-धीरे ग्राहकों की आमद होने लगी है। इससे व्यापारी अच्छे मुनाफे की उम्मीद लगा रहे हैं। हालांकि वहीं कुछेक व्यापारियों का कहना है कि पहले की तरह बाजार को पूरी तरह रौ में आने में अभी वक्त लगेगा।
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लॉकडाउन के बाद सरकार से मिली सहूलियत से राहत मिली है। इससे फर्नीचर व्यापार ही नहीं सभी प्रकार की दुकानों पर अब लोग जाने लगे हैं। कोरोना के चलते मार्च से अब तक व्यापार पूरी तरह से बंद रहा। इस बीच गर्मी में पड़ने वाला सहालग भी पूरी तरह ठप रहा। अब धनतेरस और नवंबर माह में शादी-विवाह होने से रुके हुए व्यापार को गति मिलेगी।
शिवम यादव
कोरोना महामारी ने सभी क्षेत्रों में मंदी का दौर ला दिया है। इससे उबरने में अभी समय लगेगा। इस बीच त्योहार और सहालग बाजार को गति देंगे, लेकिन विगत वर्षों की भांति इस वर्ष का त्योहारी सीजन नहीं निकलेगा। महामारी का खौफ धीरे-धीरे लोगों के बीच समाप्त हो रहा है। अब स्कूल भी खुल रहे हैं, ऐसे में बंद पड़े फर्नीचर व्यवसाय को गति मिलेगी और इस व्यवसाय से जुड़े कारीगरों को भी नियमित रोजगार मुहैया हो सकेगा।
शिवम सिंह टिकू,
फर्नीचर व्यवसायी
बर्तन का व्यवसाय सबसे अधिक शादी-विवाह और धनतेरस में चलता है। इस कोरोना काल में इस व्यवसाय पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। लेकिन अब राहत मिल रही है। किसानों की फसल अच्छी होने से व्यापार पर इसका अच्छा असर पड़ेगा। बीते सात माह से दुकानों पर नये स्टॉक नहीं आए थे लेकिन अब सभी दुकानों पर नये-नये स्टॉक आ रहे हैं। इससे खरीदारों को अपनी पसंद का सामान मिल सकेगा।
प्रदीप कसौधन, बर्तन व्यवसायी
अब अनलॉक में बाजारों में अब रौनक लौट रही है। आने वाले दिनों में पूरी उम्मीद है कि बाजार में तेजी आएगी। इससे पहले व्यापार पूरी तरह से समाप्त जैसा हो गया था, लेकिन अब धीरे-धीरे संजीवनी मिल रही है। इसमें बर्तन का कारोबार भी अच्छा जा सकता है।
अशोक कुमार गुप्त, बर्तन व्यवसायी