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जेएसवाई भुगतान में फिसड्डी, बढ़ी परेशानी

प्रसव के उपरांत प्रसूताओं को मिलने वाली धनराशि देने में विभाग फिसड्डी साबित हुआ है। प्रदेश के दस जनपदों में इस जिले का भी नाम अंकित हुआ है। वहीं इससे खफा सीएमओ ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए पीएचसी व सीएचसी पर कैंप लगाकर लाभार्थियों का भुगतान करने का निर्देश दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 09:30 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:06 AM (IST)
जेएसवाई भुगतान में फिसड्डी, बढ़ी परेशानी
जेएसवाई भुगतान में फिसड्डी, बढ़ी परेशानी

अंबेडकरनगर : प्रसव के उपरांत प्रसूताओं को मिलने वाली धनराशि देने में स्वास्थ्य विभाग फिसड्डी साबित हुआ है। प्रदेश के दस जनपदों में इस अंबेडकरनगर का भी नाम अंकित हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के जननी सुरक्षा योजना में आधार व अन्य कागजात की मांग के चलते प्रसूताओं को लाभ नहीं मिल पा रहा है। विभाग के मुताबिक कागजी कोरम को पूरा करने में प्रतिवर्ष लगभग दो हजार से अधिक प्रसूताओं को लाभ नहीं मिल पा रहा है। जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के तहत प्रसूताओं और आशाओं को मिलने वाली धनराशि उन तक नहीं पहुंच पा रही। कारण लाभार्थियों के बैंक खाते से आधार लिक न हो पाने तथा बैंक खाता का न हो पाना भुगतान करने में सबसे अधिक समस्या आ रही है। सीएमओ ने संबंधित अधिकारियों को पीएचसी व सीएचसी पर कैंप लगाकर लाभार्थियों का भुगतान करने का निर्देश दिया है।

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निराश्रित परिवारों पर समस्या

योजना में अधिकांश लाभार्थी बेहद निराश्रित परिवार से हैं, जिनको आधार के नाम पर उनका ही हक समय से नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर योजना का धन कहां खपाया जा रहा है। इस योजना के तहत 1,400 रुपये ग्रामीण तथा एक हजार रुपये शहरी क्षेत्र की प्रसूताओं को दिए जाने की व्यवस्था है। विभागीय आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019-20 में जिला चिकित्सालय में 428 तथा सीएमओ कार्यालय से संचालित आठ सामुदायिक तथा दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कुल 2,345 लाभार्थियों को भुगतान नहीं किया जा सका। पीड़ित लाभार्थी निशा, फूल कुमारी, गीता, मिकी पांडेय, रेखा देवी, ललिता देवी सहित कई महिलाओं ने इसकी लिखित शिकायत जिला अस्पताल प्रशासन से की है। डॉ. अशोक कुमार, सीएमओ ने बताया की जननी सुरक्षा का धन एक सप्ताह के अंदर भेजने का प्रावधान है, लेकिन इस बार समीक्षा के दौरान बहुत खराब आंकड़े मिले हैं। इसको दुरुस्त करने में संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को लगाया गया है। जल्द ही भुगतान की प्रक्रिया बेहतर की जाएगी।


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