मांझा उल्टहवा गांव बाढ़ से घिरा, स्कूल बंद
अंबेडकरनगर : घाघरा नदी का जल स्तर बीती रात दो बजे खतरे के निशान 92.730 मीटर से 48 सेंट
अंबेडकरनगर : घाघरा नदी का जल स्तर बीती रात दो बजे खतरे के निशान 92.730 मीटर से 48 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचकर स्थिर हो गया है। नदी के मध्य बसे मांझा उल्टहवा के सात में से चार मजरे नदी के पानी से घिर गए है। जलभराव को देखते हुए गांव का स्कूल बंद कर दिया गया है। नगर क्षेत्र भी प्रभावित हो रहा है। मौजूदा समय में नदी का जल स्तर 93.210 मीटर पर पहुंच कर स्थिर हो गया है। नदी की इस वर्ष अब तक की सबसे ऊपर का जलस्तर है। नदी के दो जल धाराओं के बीच बसे मांझा उल्टहवा पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। उक्त गांव के बाबूराम का पूरा, जालिम का पूरा, दिलशेर का पूरा, कुशमौलिया पूरा नदी की बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिर गए हैं। गांव के धान के खेत पानी में डूब गए हैं। एक पुरवे से दूसरे पुरवे में आवागमन बाधित हो गया है। नौकाओं से ग्रामीण जरूरत पड़ने पर जा रहे हैं। सरकारी नावें लगाई गई है। गांव के प्राथमिक विद्यालय जाने के मार्ग में पानी भरने से छोटे बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। इस कारण स्कूल बंद कर दिया गया है। ग्राम प्रधान दर्शना देवी ने बताया कि गांव के चार मजरे चारों ओर से नदी के पानी से घिर गए हैं। आवागमन के लिए प्रशासन ने आधा दर्जन नौकाएं लगाई है। नदी के किनारे बसे सलोना गांव के ग्रामीण बुझारत ने बताया कि नदी भूमि कटान कर रही है। इससे खतरा बन गया है। नदी की बाढ़ नगर क्षेत्र को भी प्रभावित करने लगी हैं। नेहरूनगर आबादी की ओर पानी बढ़ रहा है। सोलर नलकूप तक पानी पहुंच गया है। नालों से नदी का पानी नगर की ओर बढ़ रहा है। नालों में गंदा जल एकत्र हो रहा है।संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा है। तहसीलदार मेवालाल ने राजस्व कर्मचारियों के साथ मांझा उल्टहवा गांव का दौरा करके बाढ़ के हालात का जायजा लिया है। उन्होंने बताया कि पानी स्थिर हो गया है। आवागमन के लिए आधा दर्जन नौकाएं गांव में लगा दी गई है। एसडीएम पंकज ¨सह ने बाढ़ चौकियों के प्रबंध का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने के सभी प्रबंध कर लिए गए हैं।