आंकड़ों में उर्वरक भरपूर, किसानों के सामने अभाव
धान की रोपाई जोर पकड़ रही है ऐसे में उर्वरकों की मांग काफी बढ़ गई।
अंबेडकरनगर: धान की रोपाई जोर पकड़ रही है, ऐसे में उर्वरकों की मांग काफी बढ़ गई है। खासकर, डीएपी, यूरिया और एनपीके की खपत बढ़ी है, लेकिन सहकारी समितियों से खाद गायब है। मजबूरी में किसान दुकानों से खाद खरीद रहे हैं, जिसके लिए उनसे अधिक कीमत वसूली जा रही है। उधर, सरकारी आंकड़ों में पर्याप्त उर्वरक का दावा किया जा रहा है।
बारिश के अभाव में धान की रोपाई थोड़ी धीमी गति से चल रही है, लेकिन कई किसानों ने इसकी शुरुआत कर दी है। किसान नलकूप आदि से खेतों में पानी भरकर रोपाई में जुटे हैं। रोपाई के समय डीएपी, एनपीके और एसएसपी उर्वरक की जरूरत पड़ती है और वह किसानों को पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है। सहकारी समितियों, लाइसेंसी दुकानों पर विभागीय आंकड़े बताते हैं कि मांग से अधिक उर्वरक मौजूद है, फिर भी किसानों को भटकना पड़ रहा है। किसान राम प्रकाश, रवि कुमार, जय शंकर आदि ने बताया कि रोपाई के समय दुकानदार यूरिया और डीएपी के साथ कोई न कोई खेतीबाड़ी संबंधी पैकेट थमा देते हैं। इससे अधिक भुगतान करना पड़ता है। यह भी शिकायत है कि इस सीजन में अवैध दुकानदारों की भरमार है। रोपाई व इसके बाद धान की फसल में टाप ड्रेसिग के लिए किसानों को मुंहमांगी कीमत पर यूरिया बेचकर इस व्यवसाय से दूरी बना लेते हैं। कई बार खाद नकली निकल जाती है और किसानों की फसल चौपट हो जाती है। विभाग भी ऐसे लोगों की अनदेखा कर देता है। गत वर्ष 126 नमूने उर्वरक, बीज आदि के लिए गए थे, इसमें कई अधोमानक पाए गए थे। इस वर्ष भी एक सप्ताह बाद छापेमारी अभियान चलाया जाएगा।
आंकड़ों में उर्वरकों की उपलब्धता: सहकारी व लाइसेंसी निजी दुकानों पर 28800 मीट्रिक टन यूरिया का लक्ष्य रखा गया है, जबकि जून माह तक 14419 मीट्रिक टन यूरिया की खपत दिखाई गई है। डीएपी 6310 मीट्रिक टन उपलब्धता के सापेक्ष इस माह में 3669 मीट्रिक टन की खपत है। एनपीके 168 मीट्रिक टन का लक्ष्य है, जबकि खपत जून माह तक 849 मीट्रिक टन है। वहीं, एसएसपी 9487 मीट्रिक टन के लक्ष्य के सापेक्ष जून माह में 6656 मीट्रिक खपत निर्धारित है। जुलाई में खपत और अधिक बढ़ेगी।
जिले में उर्वरक की कमी नहीं है। कालाबाजारी रोकने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। जल्द ही अभियान चलाकर अवैध दुकानदारों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
पीयूष राय, जिला कृषि अधिकारी