कहीं बिजली के खंभों से केबल गायब तो कहीं रेलिग व रैंप क्षतिग्रस्त
विधानसभा चुनाव में हर पोलिग बूथ पर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है।
अंबेडकरनगर: विधानसभा चुनाव में हर पोलिग बूथ पर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है, लेकिन टांडा तहसील के पश्चिमी इलाके में यह हवा-हवाई साबित हो रहा है। यह क्षेत्र कटेहरी विधानसभा सीट का हिस्सा है। प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों पर बिजली कनेक्शन कागजों में तो हैं, लेकिन पोल से केबल ही गायब है। तीन साल से बनाए गए शौचालय के गड्ढे अभी तक ढके नहीं गए। शनिवार को दैनिक जागरण की पड़ताल में यह जमीनी हकीकत सामने आई।
केस एक- बूथ संख्या 124 व 125 उच्च प्राथमिक विद्यालय गुवाव में अभी तक चारदीवारी नहीं बनी है। पेयजल के लिए लगा इंडिया मार्का-टू हैंडपंप दूषित पानी उगल रहा है।
केस दो- बूथ संख्या 117 व 118 प्राथमिक विद्यालय खानशां तो खुद बदहाल है। यहां करीब तीन साल पहले बनाए गए शौचालय के गड्ढे अभी तक ढके नहीं गए हैं, जबकि शौचालय प्रयोग में भी है। इससे पूरे विद्यालय परिसर में नारकीय स्थिति है। जिम्मेदारों व जनप्रतिनिधियों की लापरवाही स्वच्छता अभियान पर भारी है।
केस तीन- बूथ संख्या 34 व 35 प्राथमिक विद्यालय बेलासपुर में अभी हाल में ही चोरों ने नल की टोटी सहित बिजली के लगे उपकरण पर हाथ साफ कर दिया है। बिजली कनेक्शन तो है पर, यहां खंभे से केबल ही गायब है। रैंप पर रेलिग भी टूटी है। केस चार- बूथ संख्या 26 चिनगी गजराज का पूरा प्राथमिक विद्यालय पर बिजली व्यवस्था नहीं है। पेयजल के लिए मात्र एक हैंडपंप लगा है, वह भी दूषित पानी देता है। इसे रिबोर करने को उच्चाधिकारियों को कई बार पत्र भी लिखा जा चुका है।
केस पांच- बूथ संख्या 25 प्राथमिक विद्यालय नरायनपुर पर जगह काफी कम है। बिजली व्यवस्था भी नहीं है। स्वच्छ पेयजल यहां के नौनिहालों के लिए भी नहीं है। बगल के विद्यालय अतरौरा खैरा से बच्चे पानी पीते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि बूथ बगल के विद्यालय पर शिफ्ट कर दिया जाए, तो सहूलियत हो जाए। बूथों का निर्धारण पहले हो चुका है, अब बदलना संभव नहीं है। जिन बूथों पर कमियां हैं, वहां तत्काल सही करवाया जा रहा है। बिजली कनेक्शन जिन बूथों पर नहीं है, वहां भी व्यवस्था कराई जा रही है।
बाबूराम
उपजिलाधिकारी, टांडा