कोरोना योद्धा दिव्यांग राजू की निश्शुल्क पाठशाला
बरामदपुर जरियारी गांव में पांच साल से कक्षा लग रही है। सुबह और शाम दो पाली में 26 बचे पढ़ने आते हैं।
अंबेडकरनगर : कोरोना महामारी में शिक्षण संस्थान बंद होने से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई काफी हद तक बेपटरी है। ऐसे हालात में ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में गरीबों के सामने मल्टीमीडिया मोबाइल के साथ इंटरनेट का इंतजाम मुसीबत बना हुआ है। साथ ही कमजोर नेटवर्क भी समस्या है। इस प्रतिकूल परिस्थिति में दोनों पैरों से दिव्यांग राजू वर्मा का हौसला गांव के बच्चों के लिए आशा की किरण बना हुआ है। हालांकि राजू पांच-छह साल से गांव में बच्चों को निश्शुल्क पढ़ा रहा हैं। लेकिन, अब उनका प्रयास अभावग्रस्त परिवार के बच्चों के लिए वरदान बन गया है।
गांव कटेहरी विकास खंड की ग्राम पंचायत बरामदपुर जरियारी में राजू पहले शाम को ही बच्चों को पढ़ाते थे। कोरोना काल में मुहिम को तेज करते हुए वह 26 बच्चों को दो पालियों में सुबह और शाम को पढ़ा रहे हैं। तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे राजू बताते हैं, पढ़ाई के दौरान कोचिंग की दिक्कत होती थी। यह कमी गांव के बच्चों को नहीं झेलनी पड़े, इसके लिए खुद गांव में बच्चों को पढ़ाने की शुरुआत की। कोरोना काल में घर पर पढ़ाई की अहमियत बढ़ी है। इस लिए अब सुबह-शाम क्लास लगाते हैं।