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सफाई बंद, फव्वारा बंद, लाइटें बंद .. यह है शहर का इकलौता पार्क

अकबरपुर-अयोध्या मार्ग किनारे अंबेडकर उद्यान स्थित है। वर्षों से नहीं बदला गया स्वीमिग पूल का पानी हैंडपंप भी खराब है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 12:23 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 12:23 AM (IST)
सफाई बंद, फव्वारा बंद, लाइटें बंद .. यह है शहर का इकलौता पार्क
सफाई बंद, फव्वारा बंद, लाइटें बंद .. यह है शहर का इकलौता पार्क

अंबेडकरनगर : शहर का इकलौता पार्क भी बदहाल है। यहां प्रकाश और साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था तक नहीं है। फव्वारा वर्षों से बंद पड़ा है तो स्वीमिग पूल का पानी बदरंग हो चुका है। मोटरबोट और झूला इस्तेमाल लायक नहीं रहे तो उन्हें एक किनारे रख दिया गया। हैंडपंप भी पानी नहीं उगल रहा।

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उच्च न्यायालय ने हाल में ही पार्को को अतिक्रमण मुक्त कराने के साथ वहां जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। दैनिक जागरण की टीम ने बुधवार को अकबरपुर-अयोध्या राजमार्ग के किनारे जिला मुख्यालय स्थित अंबेडकर उद्यान का जायजा लिया तो यहां जरूरी सुविधाएं नदारद मिलीं। उद्यान विभाग द्वारा स्थापित इस पार्क में जहां गमले सूखे मिले वहीं आधी से अधिक चहारदीवारी वर्षों से टूटी हुई है। पार्क के किनारे लोगों के बैठने के लिए लगी बेंच टूटकर जमीन में धंस चुकी है।

युवा समाजसेवी श्रीकृष्ण तिवारी सुबह उद्यान में विचरण करते मिले। सहूलियत के बाबत पूछने पर छूटते ही बोले, प्यास लगी है, लेकिन गला तर करने की व्यवस्था नहीं है। इंडिया मार्का-टू हैंडपंप बेकार पड़ा है। नगरवासी शेरू खान, राकेश कनौजिया, उर्मिला और प्रिया ने भी कुछ ऐसी ही राय व्यक्त की। वहीं, माली त्रिभुवन ने बताया कि पौध तैयार करने का कार्य चल रहा है, जल्द ही इन्हें लगाया जाएगा।

स्वीमिग पूल का पानी वर्षों से नहीं बदला : स्वीमिंग पूल में काई पड़ गई है। ट्रेनर की तैनाती है लेकिन वह भूले-बिसरे आकर अपनी ड्यूटी पूरी कर चला जाता है। मोटर बोट खरीदकर आया लेकिन उसका कभी इस्तेमाल ही नहीं हो पाया और रखे-रखे कबाड़ में तब्दील हो गया।

जलती नहीं स्ट्रीट लाइटें : स्ट्रीट लाइटें कब जलीं, आसपास के लोगों को यह याद भी नहीं है। पार्क में लगा खड़ंजा जगह-जगह उखड़ा पड़ा है। बच्चे झूला झूलना चाहें तो उन्हें वह भी नसीब नहीं। शौचालय भी बदहाल है। दरवाजा जर्जर हो चुका है तो कमोड और वाश बेसिन खराब पड़े हैं। ऐसे में दो पल के सुकून की खातिर आने वाले नगरवासियों का उत्साह यहां सुविधाओं की कमी देख ठंडा पड़ जाता है।

संजय कुमार रस्तोगी, जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि स्वीमिग पूल में पानी भरने की व्यवस्था नहीं है। बजट के अभाव में कुछ कार्य रुके हुए हैं। धन उपलब्ध होते ही जरूरी कार्यों को पूरा कराया जाएगा।


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