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Ambedkarnagar News: 200 मीटर दूर प्राथमिक विद्यालय में बन रहा यूपीएस पट्टी कमालपुर के छात्रों का भोजन

बहुत से स्कूलों में वर्ष 2021-22 का अंकपत्र केवल कक्षा पांच और आठ के बच्चों को ही वितरित किया गया हैं। कक्षा एक से चार तक बच्चों को अंकपत्र मिला ही नहीं। यह हम नहीं शिक्षक खुद ही बता रहे हैं।

By Ranvijay yadavEdited By: Shivam YadavPublished: Wed, 16 Nov 2022 12:30 AM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2022 12:31 AM (IST)
Ambedkarnagar News: 200 मीटर दूर प्राथमिक विद्यालय में बन रहा यूपीएस पट्टी कमालपुर के छात्रों का भोजन
मंगलवार को जागरण की टीम की पड़ताल में ये खामियां उजागर हुई।

अंबेडकरनगर, जागरण टीम। बेसिक शिक्षा विभाग भले ही परिषदीय विद्यालयों में कायाकल्प योजन से संतृप्त होने का दावा कर रहा है, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है। विभाग आंकड़ों की बाजीगरी से शासन को गुमराह किया जा रहा है। कई ऐसे विद्यालय हैं जहां कायाकल्प के कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हुए है।

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यही नहीं बहुत से स्कूलों में वर्ष 2021-22 का अंकपत्र केवल कक्षा पांच और आठ के बच्चों को ही वितरित किया गया हैं। कक्षा एक से चार तक बच्चों को अंकपत्र मिला ही नहीं। यह हम नहीं शिक्षक खुद ही बता रहे हैं। बहुत से विद्यालयों में डेस्क बेंच की आपूर्ति भी नहीं हो सकी है। मंगलवार को जागरण की टीम की पड़ताल में ये खामियां उजागर हुई।

केस: सुबह 11:30 बजे

उच्च प्राथमिक विद्यालय पट्टी कमालपुर मालीपुर से जाफरगंज को जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित है। बाउंड्रीवाल विहीन इस विद्यालय में आजतक कायाकल्प योजना का एक भी कार्य पैरामीटर पर नहीं हुआ है। यहां बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते मिले। 59 पंजीयन के सापेक्ष 16 बच्चे उपस्थित थे। 

प्रधानाध्यापक हसनराज और सहायक अध्यापक प्रतीक सुधा बच्चों को पढ़ा रही थीं। प्रधानाध्यापक ने बताया कि इस विद्यालय के मिड-डे मिल का खाना 200 मीटर दूर प्राथमिक विद्यालय पट्टी कमालपुर में मनमाने तरीके से प्रधान द्वारा बनवाया जाता है। 

भोजन अवकाश के समय छात्रों को वहां जाना पड़ता है। यहां विज्ञान विषय के शिक्षक गणित व अंग्रेजी विषय पढ़ाने को मजबूर हैं। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता का आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं।

केस दो: 11:30 बजे

प्राथमिक विद्यालय पट्टी कमालपुर भी मुख्य मार्ग पर संचालित हो रहा है। यहां भी बाउंड्रीवाल का निर्माण नहीं कराया गया है। विद्यालय में पांच कमरे बने हैं। यहां कायाकल्प के तहत कमरों में टाइलिंग का कार्य कराया गया है। तीन कक्षाओं में डेस्क बेंच भी मौजूद मिला। 

विद्यालय में रसोईया चूल्हे पर खाना पका रहीं थीं। प्रधानाध्यापक राम सुंदर वर्मा अवकाश पर रहे। महिला शिक्षक विंनेश कुमारी और सरोज बच्चों को पढ़ा रहीं थीं। शिक्षकों ने बताया कि शिक्षक संदर्शिका विद्यालयों में अभी तक नहीं मिली हैं। कार्य पुस्तिका किसलय 12 सप्ताह बाद आई है। परीक्षा चंद दिनों बाद होनी है। पुस्तकें देर से आने से कोर्स पूरा कराने का दबाव है।

केस तीन: सुबह 11:40 बजे।

प्राथमिक विद्यालय जाफरगंज में 67 बच्चे उपस्थित मिले। जानकारी पर पता चला कि विद्यालय में 130 छात्रों का पंजीयन हुआ है। कक्षा दो में सुषमा मौर्य और कक्षा चार के प्रतिमा सिंह छात्रों को पढ़ातीं मिलीं। विद्यालय में कायाकल्प के नाम पर केवल कक्षाओं में टाइल्स लगाए गए हैं। 

शिक्षक राकेश सिंह ने बताया कि पीने के पानी के लिए लगा हैंडपंप लंबे समय से खराब है। पानी न हाेने से बच्चों को शौच के लिए खेतों का सहारा लेना पड़ता है। महिला शिक्षकों को भी दुश्वारियां उठानी पड़ रही हैं।

केस चार: सुबह 10 बजे।

कंपोजिट विद्यालय भड़सार में नौ सहायक अध्यापक एक अनुदेशक और एक शिक्षामित्र की तैनाती है। शिक्षक राजेश नरायण त्रिपाठी, आकांक्षा उपाध्याय, ज्योति श्रीवास्तव अवकाश पर थीं, जबकि उमा रानी और किरन यादव बीआरसी अकबरपुर में चल रहे ट्रेनिंग में शामिल होने गई थीं। यहां 455 पंजीयन के सापेक्ष 290 छात्र-छात्राएं उपस्थित मिले। यहां कक्षा एक से चार तक के बच्चों को 2021-22 का अंक पत्र भी विभाग द्वारा नहीं दिया गया है।

इन्होंने कहा… 

केवल कंपोजिट विद्यालय में ही एक ही कैंपस में मिड-डे मिल बनाने का प्रविधान है। यदि किसी विद्यालय में ऐसा हो रहा है, तो इसकी जांच करवाकर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी। अंकपत्र क्यों नहीं बांटा गया, इसकी भी जांच होगी।

-भोलेंद्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।


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