Ambedkarnagar: सर्जन की कमी से मिल रही तारीख पर तारीख, प्रसव के लिए निजी अस्पताल में कर दिया जाता है रेफर
Ambedkarnagar News - एक स्थायी सर्जन के भरोसे जिला अस्पताल में मरीजों का छोड़ दिया गया है। वहीं संविदा पर रखे गए चिकित्सक खुद के अस्पताल और पैथोलाजी चलाने में व्यस्त हैं। इससे पूरी व्यवस्था ही बिगड़ रही है।
अंबेडकरनगर, जागरण संवाददाता। 90 के दशक में बनी फिल्म दामिनी का डायलाग ‘तारीख पर तारीख’ जिला चिकित्सालय में आपरेशन की व्यवस्था पर सटीक बैठ रहा है। यहां आपरेशन के लिए चिह्नित मरीज और तीमारदार को सर्जन तारीख-पर-तारीख देकर टाल रहे हैं। इससे रोगियों का दर्द बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे की वजह जिला अस्पताल में सर्जन की कमी है।
तमाम पैरवी के बाद नंबर आया तो धागा, ब्लेड और दवा लेने के लिए डाक्टर उन्हें पर्ची थमा देते हैं। यहां तक कि प्रसव के आपरेशन भी टालकर निजी अस्पतालों में भेजा जा रहा है। हाथ-पैर के हड्डियों का आपरेशन, प्रसव, पथरी व अन्य सर्जरी कराने के लिए मरीजों व तीमारदारों को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है।
कभी डाक्टर नहीं हैं तो कभी संसाधनों का अभाव है। इसके साथ ही प्राइवेट अस्पतालों एवं पैथोलाजी केंद्रों के कमिशन पर तैनात कर्मचारी भी यहां डेरा डाले हुए हैं। इनके बहकावे में मरीज आ जाते हैं। इसलिए कि जिला चिकित्सालय में एक जांच के लिए पांच बार दौड़ाया जाता है।
डाक्टरों की स्थिति
जिला चिकित्सालय में कुल 37 डाक्टरों के पद सृजित हैं। इसके सापेक्ष मात्र 16 की तैनाती है। विशेषज्ञों में 12 डाक्टरों की तैनाती है। इसमें सर्जन पांच हैं। एक सर्जन नियमित हैं, बाकी चार संविदा पर तैनात है, इसमें दो महिला सर्जन हैं। आंकड़े बताते हैं कि प्रतिमाह 85 से 90 प्रसव के सर्जरी होते है और 264 सामान्य अन्य सर्जरी होती है।
मरीजों का दर्द उन्हीं की जुबानी
टांडा निवासी अनिसुर्रहमान ने बताया कि पथरी का आपरेशन कराना था। 27 अक्टूबर से दौड़ रहा हूं, लेकिन अभी तक सर्जरी हो नहीं सका। दो बार जांच भी कराया गया। रमेश कुमार वर्मा ने बताया कि बेटे के पैर का आपरेशन कराना था। इसके लिए सात सौ रुपये का सामान मेडिकल स्टोर से खरीदकर लाया था। इसी तरह सात से आठ मरीजों ने शिकायत किया।
पैथोलाजी के एजेंट को पुलिस ने पकड़ा
जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों की जांच कराने के लिए प्राइवेट पैथोलाजी केंद्र के एजेंट हावी हैं। चिकित्सालय पुलिस चौकी पुलिस ने अपोलो पैथोलाजी का कर्मी को पकड़ा था। इसे बाद में पुलिस ने छोड़ दिया।
इन्होंने कहा…
सर्जन की कमी है। पांच में एक सलाहकार पर तैनात है जो सर्जरी नहीं करते हैं। पथरी व अन्य आपरेशन के लिए दो ही सर्जन है। इससे मरीजों को परेशानी हो रही है। शासन को पत्राचार किया गया है। वहां से डाक्टर मिलते ही सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा।
-डा. ओम प्रकाश, सीएमएस।