बाढ़ में सड़ चुकी फसलों का मुआवजा न मिलने से किसान परेशान
नदी किनारे की फसलों में बाढ़ से नुकसान की भरपाई तो की जा रही है लेकिन मुआवजा न मिलने से किसान व्यथित हैं।
अंबेडकरनगर: नदी किनारे की फसलों में बाढ़ से नुकसान की भरपाई तो की जा रही है, लेकिन आसपास के क्षेत्रों में पानी से बर्बाद फसलों का मुआवजा नहीं दिया जा रहा है, इससे किसानों में आक्रोश के साथ मायूसी भी है। अन्नदाताओं ने प्रशासन से बाढ़ प्रभावित गांवों का सर्वे कराकर फसलों में हुए नुकसान के एवज में आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की है।
जलालपुर तहसील में तमसा नदी के किनारे बसे 87 गांवों में आई बाढ़ के चलते किसानों की पूरी फसल पानी में डूबकर सड़ गई। इसी के साथ नहर के किनारे निचले इलाकों में बसे बेरमा, बोदरा, दिहामदपुर, आशापार, बसहा, मुंडेहरा, रतना, रफीगंज, दुल्हूपुर समेत चार दर्जन से अधिक अन्य गांव भी बाढ़ की चपेट में आए। यहां किसानों की लगभग 80 फीसद फसल पानी में डूबकर सड़ गई। मौजूदा समय में भी खेतों में पानी भरा है और फसल डूबी है। बाढ़ में डूबी फसलों के एवज में तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के सरकार के आदेश से किसान संतुष्ट थे, लेकिन लेखपालों द्वारा सर्वे नहीं किए जाने से अब वे मायूस नजर आ रहे हैं। बेरमा गांव के लेखपाल कांशीराम ने बताया कि फसलों में नुकसान का सर्वे करने का कोई आदेश नहीं मिला है। किसान हरिनाथ गुप्त, अवतार, जगपती, रामरतन यादव ने कहा कि यह उनके साथ नाइंसाफी है। सरकार को जल्द मदद उपलब्ध करानी चाहिए, नहीं तो किसान रबी की फसल की बुवाई भी नहीं कर सकेंगे, ऐसे में उनका परिवार भारी दिक्कतों में फंस जाएगा। उपजिलाधिकारी अभय कुमार पांडेय ने बताया कि नदी किनारे बसे किसानों के अलावा अन्य गांवों में भी बाढ़ प्रभावित फसलों में नुकसान का सर्वे कराया जाएगा। सूची बनने के बाद किसानों को हर हाल में आर्थिक सहायता दी जाएगी।