आप भी मानिए डॉक्टर की यह सलाह, कोरोना पॉजीटिव के साथ एक ही तीमारदार अस्पताल जाएं तो बेहतर
कोविड वार्ड में काम करना काफी चुनौतीपूर्ण है। पीपीई किट पहनकर मरीजों के पास जाने में ही सुरक्षा महसूस होती है। हम डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ तो सुरक्षित रहते हैं लेकिन मरीज के तीमारदार अस्पताल परिसर में अब भी लापरवाही करते देखे जा रहे हैं। लोग मास्क नहीं लगाते।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना जैसी संक्रामक महामारी से बचाव के लिए मास्क लगाने और दूर बनाकर रखने की सलाह दी जाती है। ऐसे में लोग अपने परिवार के किसी शख्स की कोरोना की वजह से हालत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाते हैं तो साथ में कई लोग चले जाते हैं। यह तो ठीक नहीं बल्कि जोखिम भरा है।
सभी को बेहद सतर्क और सजग रहना होगा।
डा. सचिन सिंह जूनियर रेजीडेंट, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज कहते हैं कि कोविड वार्ड में काम करना काफी चुनौतीपूर्ण है। पीपीई किट पहनकर मरीजों के पास जाने में ही सुरक्षा महसूस होती है। हम डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ तो सुरक्षित रहते हैं लेकिन मरीज के तीमारदार अस्पताल परिसर में अब भी लापरवाही करते देखे जा रहे हैं। लोग मास्क नहीं लगाते। एक संक्रमित मरीज के साथ घर के कई लोग चले आते हैं। यहां तक कि बुजुर्ग भी आ जाते हैं। जबकि कोरोना संक्रमित के साथ किसी एक तीमारदार को ही आना चाहिए। वह भी यंग हो तो अच्छा है। अस्पताल में साफ सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता है लेकिन तीमारदार गंदगी भी फैलाते हैं। कोरोना काल में हम सभी को बेहद सतर्क और सजग रहना होगा। हम लोग कोविड ड्यूटी के बाद घर भी जाते हैं तो कोविड नियम का पालन करते हैं। मास्क लगाने, हाथ को सैनिटाइज करते रहने, आसपास सफाई रखने, पौष्टिक आहार लेने और एक दूसरे से कुछ फासला रखकर ही हम कोरोना से दूर रह सकते हैं। अन्यथा यह वायरस किसी को नहीं छोड़ रहा है। मास्क भी लगाते समय ध्यान रखें कि सर्जिकल मास्क एक दिन से ज्यादा उपयोग न करें और एन-95 मास्क लगा रहे हैं तो तीन या चार दिनों बाद इसे बदल दें।