Move to Jagran APP

आइबी की नौकरी से अध्यात्म का रुख, महामंडलेश्वर बनेंगी योगेश्वरी

आइबी की नौकरी को छोड़कर डॉक्‍टर योगेश्‍वरी ने किन्नर अखाड़े का दामन पकड़ा है। उन्‍हें इस अखाड़े में महामंडलेश्‍वर की उपाधि मिलेगी। वह झारखंड के नक्सल इलाकों में समाजसेवा कर रही हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 27 Feb 2019 08:14 PM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 07:15 AM (IST)
आइबी की नौकरी से अध्यात्म का रुख, महामंडलेश्वर बनेंगी योगेश्वरी
आइबी की नौकरी से अध्यात्म का रुख, महामंडलेश्वर बनेंगी योगेश्वरी

प्रयागराज : सालों तक आइबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) की नौकरी, फिर शिक्षक और समाजसेवा के रास्तों से होकर अब योगेश्वरी ने स्वयं का जीवन अध्यात्म को समर्पित कर दिया। कई साल तक साधना, जप-तप करते हुए सामाजिक उत्थान के लिए काम करने वाली डॉ. योगेश्वरी किन्नर अखाड़ा से जुड़ गई हैं। वह तीन मार्च को किन्नर अखाड़ा में महामंडलेश्वर की उपाधि से विभूषित होंगी।

loksabha election banner

  योगेश्‍वरी महाशिवरात्रि पर किन्नर संन्यासियों के साथ संगम में अमरत्व स्नान करेंगी। झारखंड के पलामू में जन्मीं योगेश्वरी की शुरुआती पढ़ाई छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिला में हुई। फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के वेंकटेश कॉलेज में स्नातक में गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। यहीं मास कम्युनिकेशन में डिप्लोमा किया। डॉ. योगेश्वरी ने आइबी में वायरलेस इंचार्ज व डिपार्टमेंट सीनियर सुपरविजन के तौर पर जीवन शुरू किया।

नौकरी से इस्तीफा, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम

योगेश्वरी का इस नौकरी में मन नहीं लगा तो 2006 में इस्तीफा दे दिया। इसके बाद एक डिग्री कालेज में प्रवक्ता के रूप में कुछ साल काम किया, लेकिन मन वहां भी नहीं लगा तो 2010 में हिमालय की कंदराओं में जाकर साधना करने लगीं। वहां से लौटीं तो झारखंड को अपनी कर्मस्थली बना लिया। श्रीश्री बागेश्वरी शक्तिपीठ उत्तर पूर्वी भारत की पीठाधीश्वर योगेश्वरी झारखंड के कोडरमा सहित अनेक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गरीब कन्याओं का विवाह कराने, नेत्रहीन बच्चों को शिक्षित करने, वृद्धों की सेवा में स्वयं का जीवन बिताने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में जुटी हैं।

कहा, आत्मशांति के लिए वह अध्यात्म से जुड़ी हैं

योगेश्‍वरी कहती हैं कि आत्मशांति के लिए वह अध्यात्म से जुड़ी हैं। आध्यात्मिक ऊर्जा के जरिए वह जनकल्याण की मुहिम में जुटी हैं। किन्नर अखाड़ा से जुड़कर वह समाज के उपेक्षित व प्रताडि़त वर्ग को सम्मान दिलाएंगी। किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी का कहना हैं कि योगेश्वरी तपस्वी, ज्ञानी महिला हैं। ऐसे लोगों को अध्यात्म में स्थापित करना किन्नर अखाड़ा का लक्ष्य है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.