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आस्ट्रेलिया में सिडनी की अदालत से योग गुरु स्वामी आनंद गिरि बरी Prayagraj News

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने योग गिरि आनंद गिरि की आस्‍ट्रेलिया में मिली रिहाई की खबर दी। उन्होंने कहा है कि सच की हमेशा जीत होती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 12:19 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 09:23 PM (IST)
आस्ट्रेलिया में सिडनी की अदालत से योग गुरु स्वामी आनंद गिरि बरी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। आस्ट्रेलिया में महिलाओं से अमर्यादित आचरण के आरोपित स्वामी आनंद गिरि को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। सिडनी की अदालत ने उन्हें भारत जाने की अनुमति दे दी है। वहां से प्रयागराज में योग गुरु के बरी होने की खबर आई तो खुशी का माहौल छा गया है। आनंद गिरि छह मई से आस्ट्रेलिया में थे।

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नरेंद्र गिरि बोले, सच की हुई जीत
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि की रिहाई की खबर दी। उन्होंने कहा है कि सच की हमेशा जीत होती है। उन्होंने बताया कि आस्ट्रेलिया में दो महिलाओं से अमर्यादित आचरण के आरोपित आनंद गिरि आज सिडनी कोर्ट से बाइज्जत बरी हुए हैं। महंत नरेंद्र गिरि बोले कि पुलिस ने कोर्ट को दी गई अपनी रिपोर्ट में बताया कि आनंद गिरि के खिलाफ आरोप मनगढ़ंत तरीके से लगाए थे। महिलाओं ने आरोप पहले ही वापस ले लिए थे। कोर्ट ने आज महंत आनंद गिरि को आरोप से बरी कर दिया। साथ ही उनका पासपोर्ट तत्काल रिलीज करने का आदेश दिया और भारत जाने की अनुमति दे दी है।

छह सप्‍ताह की विदेश यात्रा पर गए थे आनंद गिरि
प्रयागराज में कुंभ मेला संपन्न होने के बाद योग गुरु आनंद गिरि छह हफ्तों की विदेश यात्रा पर गए थे। मई में आध्यात्मिक-योग सेमिनार में शामिल होने ऑस्ट्रेलिया पहुंचे 38 वर्षीय आनंद गिरि को एक महिला की सूचना पर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ 2016 और 2018 में दो महिलाओं ने पुलिस से शिकायत की थी। गिरफ्तारी के बाद उन्हें सिडनी की कोर्ट में पेश किया गया। उन्हें इस आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया गया कि पीड़ित महिलाओं को उनसे खतरा है। योग गुरु को जेल भेज दिया गया।

लेटे हनुमान मंदिर के छोटे महंत हैं आनंद गिरि
स्वामी आनंद गिरि प्रयागराज लेटे हनुमान मंदिर के छोटे महंत हैं और निरंजन अखाड़े के पदाधिकारी हैं। योग गुरु स्वामी आनंद गिरि इंटरनेशनल योगगुरु के नाम से प्रसिद्ध हैं। धार्मिक सत्संग के लिए हांगकांग, लंदन, साउथ अफ्रीका पेरिस और मेलबर्न समेत 30 देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। इससे पहले वह कैंब्रिज, ऑक्सफोर्ड और सिडनी जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में लेक्चर दे चुके हैं।

दस साल की उम्र में लिया था संन्यास
आनंद गिरि ने कम उम्र में संन्यास ले लिया था। स्वामी आनंद ने महज दस वर्ष की उम्र में नरेंद्र गिरि के संरक्षण में दीक्षा ली थी। संन्यासी के रूप में ही उन्होंने संस्कृत ग्रामर, आयुर्वेद और वैदिक फिलॉसफी की शिक्षा ली। बीएचयू से ग्रेजुएट आनंद गिरि योग तंत्र में पीएचडी की हैं।


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