आसान न होगा अखाड़ों को मनाना
--फोटो-- -अखाड़ा परिषद कर चुका है शाही स्नान का बहिष्कार -1995 में मुलायम को आना
--फोटो--
-अखाड़ा परिषद कर चुका है शाही स्नान का बहिष्कार
-1995 में मुलायम को आना पड़ा था अखाड़ों को मनाने
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : यूनेस्को ने प्रयाग के जिस कुंभ को दुनिया के अद्भुत आयोजन में शामिल कर उसे महिमामंडित किया आज उसकी साख पर बट्टा लगता नजर आ रहा है। न सड़कें बनी हैं, न सीवर का काम पूरा हुआ है। शौचालय, बिजली, पेयजल, पीपा निर्माण, फ्लाईओवर सहित अधिकतर काम पिछड़ चुका है। बावजूद इसके अफसर बेफिक्र हैं, जबकि समय सीमित है। उचित तैयारी न होने से नाराज अखाड़ों ने शाही स्नान का बहिष्कार कर दिया है। अधिकारियों की मानमनौव्वल का उनके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
उचित सुविधा मुहैया न होने से नाराज अखाड़ों ने 1995 के अर्द्धकुंभ में शाही स्नान का बहिष्कार कर दिया था। मौनी अमावस्या पर किसी अखाड़ा ने स्नान नहीं किया। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने प्रयाग आकर अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधियों से मिलकर उनकी सारी मांगें मानी थी, जिसके बाद वसंत पंचमी पर अखाड़ों ने शाही स्नान किया। इस बार भी कुछ ऐसी ही स्थिति बन रही है। प्रयाग में जनवरी 2019 में कुंभ आरंभ होगा। अखाड़ों का आगमन अक्टूबर से होने लगेगा। यही कारण है कि सरकार से हर विभाग को सितंबर माह के अंत तक सारे काम खत्म करने का अल्टीमेटम मिला है। लेकिन उसके अनुरूप काम हो नहीं रहा। अधिकारियों का समय सिर्फ मीटिंग करने में बीत रहा है। इसके चलते जमीनीस्तर पर कोई काम नजर नहीं आ रहा। अभी तक न अखाड़ों के आश्रमों का स्थायी निर्माण आरंभ हुआ, न शहर के विकास को गति मिली। अधिकतर काम फाइलों में सिमटा है। जबकि काम करने के लिए मात्र छह माह का समय बचा है।
-----
किसका काम कितना बाकी
-अखाड़ों के आश्रमों के मरम्मत का कार्य अभी शुरू ही नहीं हुआ।
-लोक निर्माण विभाग का अभी 60 प्रतिशत काम बाकी है। सड़कों का चौड़ीकरण, पीपा निर्माण की गति सुस्त।
-स्वास्थ्य विभाग का काम 50 प्रतिशत हो पाया है।
-सेतु निगम के फ्लाईओवर निर्माण का काम अभी 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ।
-पर्यटन विभाग का काम अभी 30 से 40 प्रतिशत ही हुआ है।
-सीवर लाइन का काम 70 प्रतिशत पिछड़ा है।
-------
अधर में मंदिरों का जीर्णोद्धार
कुंभ के मद्देनजर प्रयाग व उसके आस-पास के धार्मिक, पौराणिक स्थलों का जीर्णोद्धार करने की योजना बनी। बारह माधव, लाक्षागृह, श्रृंगवेरपुर स्थित मंदिरों, उल्टा किला का जीर्णोद्धार होना है, लेकिन यह काम अभी तक शुरू नहीं हुआ।
-------
बदहाल है संगम क्षेत्र
कुंभ के आयोजन को सरकार ने मेलाधिकारी की नियुक्ति तो कर दी, लेकिन संगम क्षेत्र को बदहाल छोड़ दिया। माघ मेला खत्म होने के बाद संगम क्षेत्र गंदगी का अंबार लगा है।
----
फोटो--मेला फ्लाप कराना चाहते हैं अधिकारी : हरि गिरि
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने अधिकारियों पर कुंभ मेला को फ्लाप कराने की मंशा से काम करने का आरोप लगाया। कहा कि प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी चाहते हैं कि आगामी कुंभ अभी तक का सबसे भव्य व आकर्षक हो, उसके लिए बजट भी दे रहे हैं। लेकिन अधिकारी एसी कमरों में बैठकर फाइलों में काम कर रहे हैं, जिससे शहर की जनता परेशान है। भविष्य में जो संत व श्रद्धालु आएंगे उन्हें उचित सुविधा नहीं मिलेगी। हम चाहते हैं कि फाइलों के बजाय हर काम जमीनीस्तर पर हो।