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उतरांव में रिटायर दारोगा की पत्नी को पीटकर मार डाला Prayagraj News

अजय की मां कमला देवी उर्फ चिंता (55) बीच बचाव को पहुंचीं तो लाठी-डंडे और सरिया से उनको तब तक पीटा गया जब तक वह अचेत नहीं हो गईं। इसके बाद हमलावर भाग निकले।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 10:42 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 10:42 PM (IST)
उतरांव में रिटायर दारोगा की पत्नी को पीटकर मार डाला Prayagraj News
उतरांव में रिटायर दारोगा की पत्नी को पीटकर मार डाला Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन।  थाना क्षेत्र के पौडऩ गांव में सोमवार रात लाठी-डंडे और सरिया से हुई पिटाई में घायल सेवानिवृत्त दारोगा की पत्नी की मंगलवार तड़के  मौत हो गई। घटना के पीछे शीशम के पेड़ को लेकर चल रहा पुराना विवाद है। मामले में सात लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

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शीशम के पेड को लेकर था विवाद

पौडऩ गांव निवासी सेवानिवृत दारोगा ओंकारनाथ ने घर के बगल मंदिर बनवा रखा है। मंदिर के ठीक बगल पड़ोसी भोलानाथ का शीशम का पेड़ है। यह मंदिर की तरफ लटका है, जिसे हटवाने के लिए ओंकारनाथ कई बार भोलानाथ से कह चुके थे। विवाद भी हुआ था। सोमवार रात ओंकारनाथ के पोते का जन्मदिन मनाया जा रहा था। उसी समय भोलानाथ के घर वालों ने कुछ उल्टा-सीधा बोल दिया। ओंकारनाथ की तरफ से विरोध होने पर भोलानाथ पक्ष के लोग लाठी-डंडा और सरिया लेकर उनके घर पर चढ़ गए। अधिवक्ता पुत्र अजय कुमार राव पर हमला कर दिया। बीच बचाव को ओंकारनाथ पहुंचे तो उनकी भी पिटाई की गई। अजय की मां कमला देवी उर्फ चिंता (55) बीच बचाव को पहुंचीं तो लाठी-डंडे और सरिया से उनको तब तक पीटा गया, जब तक वह अचेत नहीं हो गईं। इसके बाद हमलावर भाग निकले। लहूलुहान कमला देवी को लेकर घर वाले पास के एक निजी अस्पताल पहुंचे जहां मंगलवार तड़के मौत हो गई। अजय कुमार राव ने तहरीर में बताया कि भोलानाथ से परिवार की पुरानी रंजिश है, यही घटना की वजह है। पुलिस ने  भोलानाथ, संजय, धर्मेंद्र योगेंद्र, टिंकू, शारदा देवी, कौशाल्या देवी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की है। दबिश देकर चार आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया। थानाध्यक्ष उतरांव सुनील कुमार सिंह का कहना है कि शीशम के पेड़ को लेकर दोनों पक्षों में तनातनी चल रही थी।

सहम गए थे गांव वाले

हमलावर जिस प्रकार लाठी-डंडा और सरिया लेकर सेवानिवृत्त दारोगा ओंकारनाथ के घर चढ़े थे, यह देखकर आसपास के लोग सहम गए थे। बेरहमी से एक-एक को पीटा गया। खौफ ऐसा था कि गांव का कोई व्यक्ति ओंकारनाथ व उनके घरवालों को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा सका।


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