हॉस्टलों में खून खराबे का जिम्मेदार आखिर कौन है
हॉस्टलों में आए दिन हो रही आपराधिक घटनाओं के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है। हर घटना की तरह इस बार भी पुलिस और प्रशासन एक दूसरे पर इसका ठीकरा फोड़ रहे हैं।
By Edited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 07:20 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 11:21 AM (IST)
प्रयागराज : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में इन दिनों अपराधिक घटनाएं अक्सर हो रही हैं। इसमें अधिकांश वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। इसके चलते एक-दूसरे के जान के दुश्मन बन गए हैं। जान भी लेने से गुरेज नहीं किया जा रहा है। इससे आम लोगों में भी दहशत का माहौल है। इविवि के हॉस्टलों में हो रहे खून खराबे का जिम्मेदार आखिरकार कौन है?
आए दिन होती है गोलीबारी व बमबाजी
वर्चस्व की जंग में आए दिन गोलीबारी, बमबाजी को रोकने की जिम्मेदारी किसकी है। पीसीबी हॉस्टल में छात्र रोहित शुक्ला की हत्या ने एक बार फिर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। प्राक्टर राम सेवक दुबे का कहना है कि चार दिन पहले उन्होंने एसएसपी को पत्र लिखकर हॉस्टल में असलहों के प्रदर्शन पर कार्रवाई की मांग की थी।
एसएसपी ने कहा उन्हें कोई पत्र नहीं मिला
एसएसपी अतुल शर्मा का कहना है कि उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला। वह कहते हैं इससे यह पता चलता है कि इविवि प्रशासन कितना गंभीर है। यदि ऐसा था तो सीधे बात कर गंभीरता प्रकट की जा सकती थी न कि रुटीन के तौर पर पत्र लिखकर। अब इस मसले पर कौन झूठा है और कौन सच्चा यह जांच का विषय है, लेकिन इतना तो साफ है कि यदि पुलिस ने फौरी एक्शन ले लिया होता तो रोहित शुक्ला की जान बच सकती थी।
अपराध को लेकर इविवि प्रशासन व पुलिस में खींचतान
हॉस्टलों में खून खराबे को लेकर हमेशा से ही इविवि प्रशासन और पुलिस के बीच खींचतान चली आ रही है। इस हत्याकांड के बाद भी लकीर पीटने जैसा काम हो रहा है। चार दिन पहले प्राक्टर प्रो. राम सेवक दुबे ने एसएसपी को पत्र लिखा था कि पीसीबी में रोहित शुक्ला व अन्य छात्र असलहा लेकर दबंगई कर रहे हैं। अब यह पत्र रद्दी की टोकरी में गया या फिर एसएसपी को मिला कि नहीं, इसे लेकर रार मची है। रोहित शुक्ला हत्याकांड में जितने दोषी आरोपित छात्र हैं, उससे कहीं ज्यादा दोष पुलिस प्रशासन और इविवि प्रशासन का है।
इन्होंने भी पत्र लिखने की बात कही
प्राक्टर राम सेवक दुबे के अलावा डीएसडब्ल्यू प्रो. हर्ष कुमार ने भी एसएसपी और एडीएम सिटी को पत्र लिखने की बात कही है। उनका कहना है कि पत्र लिखकर पीसीबी हॉस्टल में चल रही संदिग्ध गतिविधियों का संज्ञान दिलाया गया था। पत्र के साथ आदर्श कुमार की शिकायत की प्रतिलिपि भी लगाई गई थी। शिकायत थी कि रोहित शुक्ला और अन्य रोज असलहे लेकर हॉस्टल में चहलकदमी कर रहे हैं।
समन्वय स्थापित हुआ था
अच्युतानंद शुक्ला हत्याकांड के बाद से पुलिस-प्रशासन और इविवि प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित हुआ था। दोनों तरफ से एक साथ एक्शन लेकर हॉस्टल खाली कराए गए थे। अब सवाल यह उठ रहा है कि फिर यदि पीसीबी में दो गुटों के बीच मारपीट और असलहों के प्रदर्शन की बात सामने आई तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई। पत्र का संज्ञान क्यों नहीं लिया गया। यदि पत्र पर कोई एक्शन नहीं हुआ था तो इविवि प्रशासन ने अफसरों से फोन पर बातचीत क्यों जरूरी नहीं समझी थी।
आपराधिक तत्वों पर होगी कार्रवाई
एडीजी एडीजी एसएन साबत का कहना है कि पत्र किस संदर्भ में लिखा गया था। यदि हत्या और बवाल की आशंका थी तो उस पर एक्शन क्यों नहीं लिया गया, इन तथ्यों की जानकारी ली जाएगी। फिलहाल विवि प्रशासन और पुलिस के बीच समन्वय बिठाकर कार्रवाई को कहा गया है। जल्द ही हॉस्टलों से आपराधिक किस्म के लड़कों को निकाला जाएगा।
आए दिन होती है गोलीबारी व बमबाजी
वर्चस्व की जंग में आए दिन गोलीबारी, बमबाजी को रोकने की जिम्मेदारी किसकी है। पीसीबी हॉस्टल में छात्र रोहित शुक्ला की हत्या ने एक बार फिर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। प्राक्टर राम सेवक दुबे का कहना है कि चार दिन पहले उन्होंने एसएसपी को पत्र लिखकर हॉस्टल में असलहों के प्रदर्शन पर कार्रवाई की मांग की थी।
एसएसपी ने कहा उन्हें कोई पत्र नहीं मिला
एसएसपी अतुल शर्मा का कहना है कि उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला। वह कहते हैं इससे यह पता चलता है कि इविवि प्रशासन कितना गंभीर है। यदि ऐसा था तो सीधे बात कर गंभीरता प्रकट की जा सकती थी न कि रुटीन के तौर पर पत्र लिखकर। अब इस मसले पर कौन झूठा है और कौन सच्चा यह जांच का विषय है, लेकिन इतना तो साफ है कि यदि पुलिस ने फौरी एक्शन ले लिया होता तो रोहित शुक्ला की जान बच सकती थी।
अपराध को लेकर इविवि प्रशासन व पुलिस में खींचतान
हॉस्टलों में खून खराबे को लेकर हमेशा से ही इविवि प्रशासन और पुलिस के बीच खींचतान चली आ रही है। इस हत्याकांड के बाद भी लकीर पीटने जैसा काम हो रहा है। चार दिन पहले प्राक्टर प्रो. राम सेवक दुबे ने एसएसपी को पत्र लिखा था कि पीसीबी में रोहित शुक्ला व अन्य छात्र असलहा लेकर दबंगई कर रहे हैं। अब यह पत्र रद्दी की टोकरी में गया या फिर एसएसपी को मिला कि नहीं, इसे लेकर रार मची है। रोहित शुक्ला हत्याकांड में जितने दोषी आरोपित छात्र हैं, उससे कहीं ज्यादा दोष पुलिस प्रशासन और इविवि प्रशासन का है।
इन्होंने भी पत्र लिखने की बात कही
प्राक्टर राम सेवक दुबे के अलावा डीएसडब्ल्यू प्रो. हर्ष कुमार ने भी एसएसपी और एडीएम सिटी को पत्र लिखने की बात कही है। उनका कहना है कि पत्र लिखकर पीसीबी हॉस्टल में चल रही संदिग्ध गतिविधियों का संज्ञान दिलाया गया था। पत्र के साथ आदर्श कुमार की शिकायत की प्रतिलिपि भी लगाई गई थी। शिकायत थी कि रोहित शुक्ला और अन्य रोज असलहे लेकर हॉस्टल में चहलकदमी कर रहे हैं।
समन्वय स्थापित हुआ था
अच्युतानंद शुक्ला हत्याकांड के बाद से पुलिस-प्रशासन और इविवि प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित हुआ था। दोनों तरफ से एक साथ एक्शन लेकर हॉस्टल खाली कराए गए थे। अब सवाल यह उठ रहा है कि फिर यदि पीसीबी में दो गुटों के बीच मारपीट और असलहों के प्रदर्शन की बात सामने आई तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई। पत्र का संज्ञान क्यों नहीं लिया गया। यदि पत्र पर कोई एक्शन नहीं हुआ था तो इविवि प्रशासन ने अफसरों से फोन पर बातचीत क्यों जरूरी नहीं समझी थी।
आपराधिक तत्वों पर होगी कार्रवाई
एडीजी एडीजी एसएन साबत का कहना है कि पत्र किस संदर्भ में लिखा गया था। यदि हत्या और बवाल की आशंका थी तो उस पर एक्शन क्यों नहीं लिया गया, इन तथ्यों की जानकारी ली जाएगी। फिलहाल विवि प्रशासन और पुलिस के बीच समन्वय बिठाकर कार्रवाई को कहा गया है। जल्द ही हॉस्टलों से आपराधिक किस्म के लड़कों को निकाला जाएगा।
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