भारोत्तोलन संघ ने लौटाए चार पदक, दो पर फंसा पेच
सलोनी के यूथ, जूनियर और सीनियर वर्ग का स्वर्ण पदक और शशि का सीनियर वर्ग का स्वर्ण पदक लौटा दिया है। पूनम सिंह (76 किलो) के जूनियर और सीनियर वर्ग के दो स्वर्ण को लेकर पेच फंसा है।
प्रयागराज : पिछले महीने चंदौली में हुई राज्यस्तरीय भारोत्तोलन चैंपियनशिप में बिना एनओसी लिए प्रयागराज जिले से खेलने वाली तीन महिला भारोत्तोलकों में से दो के चार पदक यूपी भारोत्तोलन संघ ने लौटा दिए हैं। अभी एक भारोत्तोलक के दो पदकों को लेकर पेच फंसा हुआ है। राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में प्रयागराज के खिलाड़ियों ने 18 पदक जीते थे। वाराणसी से बिना एनओसी लिए खेलने पर तीन भारोत्तोलक के छह पदक संघ ने ले लिए थे। इसको लेकर जिला भारोत्तोलन एसोसिएशन की किरकिरी हुई थी।
राज्यस्तरीय भारोत्तोलन चैंपियनशिप में प्रयागराज के 21 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग लिया था। इसमें से 13 खिलाड़ियों ने 18 पदक जीते थे। इसमें मूलरूप से वाराणसी की रहने वाली सलोनी सिंह, शशि सिंह और पूनम सिंह ने कुल छह पदक जीते थे। तीनों खिलाड़ियों ने प्रदेश स्तरीय चैंपियनशिप में भाग लेने से पहले वाराणसी एसोसिएशन से एनओसी नहीं ली थी, इसलिए पदक जीतने के बाद इसकी शिकायत यूपी भारोत्तोलन संघ से हुई। संघ ने प्रयागराज, वाराणसी एसोसिएशन और तीनों खिलाड़ियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए छह पदक वापस ले लिए थे।
मामले की जांच के बाद संघ ने सलोनी सिंह (55 किलो) और शशि सिंह (81 किलो) को निर्दोष पाया। सलोनी के यूथ, जूनियर और सीनियर वर्ग का स्वर्ण पदक और शशि का सीनियर वर्ग का स्वर्ण पदक लौटा दिया है। पूनम सिंह (76 किलो) के जूनियर और सीनियर वर्ग के दो स्वर्ण को लेकर पेच फंसा है, क्योंकि पूनम इससे पहले नीलम के नाम से राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर चुकी हैं। जिला भारोत्त्तोलन एसोसिएशन के सचिव विनोद दुबे का कहना है कि संघ की जांच में सलोनी और शशि को निर्दोष पाया गया। इसलिए संघ ने उनके चार पदक वापस लौटा दिए हैं। पूनम के पदकों को लेकर मंथन चल रहा है।