खतरे के निशान की तरफ बढ़ीं गंगा-यमुना
संगमनगरी में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। शुक्रवार से शनिवार शाम तक यमुना के जलस्तर में 19 सेमी तथा गंगा के जलस्तर में आठ सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इलाहाबाद में खतरे का निशान 84 मीटर है। सिंचाई विभाग (बाढ़ प्रखंड) के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : संगमनगरी में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा और यमुना का जलस्तर शनिवार को तेजी से बढ़ा। दोनों ही नदियां खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही हैं। कई तटवर्ती इलाकों में पानी करीब पहुंच गया है। इससे संबंधित इलाके में खलबली है। जिला प्रशासन ने भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
शुक्रवार से शनिवार शाम तक यमुना के जलस्तर में 19 सेमी तथा गंगा के जलस्तर में आठ सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इलाहाबाद में खतरे का निशान 84 मीटर है। सिंचाई विभाग (बाढ़ प्रखंड) के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। मध्य प्रदेश में बारिश से केन और बेतवा नदियों का पानी यमुना में पहुंच रहा है। बुंदेलखंड में बरसात का पानी चंबल समेत अन्य छोटी नदियों से यमुना में आ रहा है। उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश के बाद टिहरी और नरौरा बांध से रोज भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। टोंस और बेलन नदियों में भी पानी बढ़ रहा है। यमुना किनारे बसे मड़ौका, महेवा, पालपुर, बसवार तथा गंगा किनारे छतनाग, बजहा, मवैया, लवायन, मनैया, रवनिका, कबरा, डीहा, रामपुर सेमरहा, दुमदुमा, लकटहा आदि गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। कई मोहल्लों में लोग चिंतित
शहर के राजापुर, गंगानगर, बेली कछार, शंकरघाट, चिल्ला, सलोरी, सादियाबाद, दारागंज, नागवासुकि, ककरहा घाट, करैलाबाग आदि इलाकों में गंगा और यमुना का पानी बढ़ने से लोगों की चिंता बढ़ गई है। लोग अपने घरों का सामान समेटने में जुट गए हैं।