Ganga-Yamuna का जलस्तर बढऩे लगा है, कछारी इलाकों के लोगों में बेचैनी, राहत टीम सक्रिय Prayagraj News
प्रयागराज में गंगा-यमुना के जलस्तर में वृद्धि होने लगी है। इससे कछारी इलाकों में बाढ़ की आशंका सताने लगी है। वेसे राहत टीमों को सक्रिय कर दिया गया है।
प्रयागराज, जेएनएन। गंगा-यमुना के जलस्तर में और तेजी आ गई है। जहां प्रति घंटा एक सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ रहा था वहीं अब इसकी रफ्तार दोगुनी हो गई। अभी सिर्फ छोटी नदियों का पानी ही यहां आ रहा है। चंबल, बेतवा नदियों के साथ बैराजों से पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ की स्थिति बनेगी। गंगा और यमुना के कछारी इलाकों में बाढ़ की आहट से वहां रहने वालों में बेचैनी शुरू हो गई है। वैसे जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए राहत टीमें भी सक्रिय हो गई हैं।
तीन दिन का जलस्तर
मंगलवार बुधवार गुरुवार
नैनी : 73.87 73.92 74.12 मीटर
छतनाग : 73.30 73.40 73.58 मीटर
फाफामऊ : 77.85 77.98 78.06 मीटर।
बोले, सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के अधिकारी
गुरुवार को नैनी में 74.12, छतनाग में 73.58 और फाफामऊ में 78.06 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया। 24 घंटे के भीतर नैनी में 18, छतनाग में 20 और फाफामऊ में 13 सेमी पानी बढ़ा है। सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के अधिकारियों का कहना है कि गंगा-यमुना में प्रति घंटे करीब दो सेमी रफ्तार से पानी बढ़ रहा है। हालांकि अभी किसी बैराज से पानी नहीं छोड़ा गया है। कुछ दिन से जिस तरह जलस्तर ने रफ्तार पकड़ी है, उससे यही लग रहा है कि आने वाले दिनों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
चंबल, बेतवा के उफनाने पर बढ़ेगा यमुना का जलस्तर
जानकार बताते हैं कि मध्य प्रदेश में जितनी ज्यादा बारिश होगी, खतरा उतना ही यहां बढ़ जाएगा। चंबल, बेतवा नदियां उफनाएंगी तो फिर यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ेगा। उत्तराखंड में हो रही बारिश के कारण जल्द ही बैराजों से भी पानी छोड़े जाने की संभावना है। उधर नदियों का जलस्तर बढ़ते देख तराई इलाकों में लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।