प्रयागराज में संगम पर जलस्तर बढ़ा, कानपुर से छोड़ा जा रहा 28 हजार क्यूसेक पानी
पिछले वर्ष दिसंबर में महज चार से सात हजार के बीच पानी छोड़ा जाता था। अबकी पिछले वर्ष की तुलना में चार गुना अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। सहायक अभियंता ने बताया कि सात हजार पानी मेला के दौरान प्रमुख स्नान पर्व पर डिमांड करने पर छोड़ा जाता था।
प्रयागराज, जेएनएन। कानपुर बैराज से गंगा में पिछले कई दिनों से 28 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। गंगा में पानी का डिस्चार्ज बढ़ाए जाने से संगम क्षेत्र में माघ मेला की तैयारी प्रभावित होने लगी है। पानी का बहाव अधिक होने से पीपा का पुल, चकर्ड प्लेट, बिजली का खंभा और जमीन आवंटन सहित अन्य काम प्रभावित हो रहे हैं। माघ मेला के दौरान संगम क्षेत्र में जलस्तर 74 से 76.60 मीटर के आसपास रहता है। लेकिन इस समय 77.60 मीटर गंगा का जलस्तर संगम क्षेत्र में है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो एक सप्ताह तक इसी तरह से पानी का डिस्चार्ज कानपुर से होगा।
पिछले वर्ष दिसंबर में महज चार हजार से सात हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाता था
पिछले वर्ष दिसंबर में महज चार से सात हजार के बीच पानी छोड़ा जाता था। लेकिन इस बार पिछले वर्ष की तुलना में चार गुना अधिक पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता ने बताया कि सात हजार पानी माघ मेला के दौरान प्रमुख स्नान पर्व पर डिमांड करने पर छोड़ा जाता था। लेकिन इस बार चार गुना पहले से ही पानी छोड़ा जा रहा है। इस वजह से माघ मेला से पहले ही गंगा का जल स्तर बढ़ा हुआ है।
अब नहरें बनेंगी मददगार
प्रयागराज संगम क्षेत्र में बढ़ते जलस्तर को कम करने के लिए अब नहरों का सहारा लिया जाएगा। सफाई किए जाने के कारण नहरों का पानी बंद कर दिया गया था। अब नहरें साफ कर दी गई हैं। ऐसे में गंगा से नहरों में कुछ पानी छोड़कर जलस्तर को कम करने का प्रयास होगा। इससे माघ मेला के दौरान गंगा में जल स्तर कम करने में सहायता मिलेगी साथ ही किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए भी पर्याप्त पानी मिल सकेगा।