विहिप के प्रशिक्षित धर्म प्रसार कार्यकर्ताओं पर धर्मांतरण रोकने की जिम्मेदारी Prayagraj Neews
विहिप ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के धर्मांतरण से प्रभावित स्थानों की सूची तैयार की गई है। उन क्षेत्रों में गरीब हिंदुओं के बीच सेवा कार्य एकल विद्यालय रोजगार केंद्र चलाए जाएंगे।
प्रयागराज, जेएनएन। विश्व हिंदू परिषद के प्रशिक्षित धर्म प्रसार कार्यकर्ताओं को धर्मांतरण रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसका प्रशिक्षण माघ मेला क्षेत्र स्थित विहिप के शिविर में किया गया। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रमुख 100 पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। कार्यकर्ताओं को आदिवासी, वनवासी क्षेत्रों में प्रलोभन देकर कराए जा रहे धर्मांतरण को रोकने के लिए हिंदू समाज को जागरूक करने का अभियान चलाने का प्रशिक्षण दिया गया।
धर्मांतरण रोकने के लिए विहिप ने कई स्तरों पर योजना बनाई है
विहिप ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के धर्मांतरण से प्रभावित स्थानों की सूची तैयार की गई है। उन क्षेत्रों में गरीब हिंदुओं के बीच सेवा कार्य, एकल विद्यालय, रोजगार केंद्र चलाए जाएंगे। ऐसे स्थानों पर कथावाचकों द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर धर्म एवं संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसमें धर्म प्रसार केंद्रीय मंत्री सुधांशु पटनायक, क्षेत्र संगठन मंत्री अंबरीश सिंह उपस्थित रहे। धर्मांतरण रोकने के लिए संगठन ने कई स्तरों पर योजना बनाई है। इसमें कथावाचक, धर्म योद्धा, सत्संग, विद्यालय एवं चिकित्सालय चलाने की योजना है। प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार ने बताया कि काशी प्रांत में धर्मांतरण प्रभावित स्थानों की सूची तैयार की गई है।
संगठन का यह भी प्रयास है कि धर्मांतरण को रोककर 2024 तक जिन ङ्क्षहदुओं ने धर्म बदला है, उन्हें फिर से अपनी पूजा पद्धति में लौटाने और अपने धर्म में वापस बुलाने का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य बनाया गया है।
काशी प्रांत में विहिप की ओर से धर्मांतरण वाले चिह्नित 31 स्थान हैं
प्रयागराज में शंकरगढ़, नारीबारी, मेजा, कोरांव, कौडि़हार। कौशांबी में कड़ा। सोनभद्र में घोरावल, चोपन, नगवा, कोन, चतरा, रेणुकूट, बभनी, म्योरपु, दुद्धी। मीरजापुर में सदर, हलिया, लालगंज, मडि़हान, सिखड़। चंदौली में नौगढ़। काशी महानगर में राजर्षि, शिवपुर, मांडवर्षि, गंगा। काशी ग्रामीण में बड़ागांव, हरहुआ, पिंडरा। अमेठी में मुसाफिर खाना। जौनपुर में सरकोनी, केराकत, मछलीशहर व बरसठी।