बहुत कठिन है बेल्हा से संगम की डगर, कैसे लगेगी डुबकी
भुपियामऊ से देल्हूपुर से अभी एक तरफ का निर्माण हो पाया है। इसी को आवागमन के लिए खोला गया है। उसके आगे सोरांव तक कार्य तो चल रहा है, लेकिन कुंभ तक इसके पूरा होने पर संशय है।
प्रयागराज : गंगा की धाराओं में डुबकी लगाने की लालसा लेकर घर से निकलने वाले लोगों को वहां तक पहुंचने में कई दिक्कतें होंगी। प्रतापगढ़ से प्रयागराज की डगर कठिन हो गई है। रेलवे और रोडवेज दोनों में समस्या बनी हुई है।
प्रतापगढ़ (बेल्हा) से हजारों की संख्या में लोग कुंभ और माघ मेले में प्रयागराज जाते हैं। वैसे तो यहां से इसकी दूरी महज 62 किलोमीटर है, लेकिन इन दिनों हाईवे का चौड़ीकरण कार्य चल रहा है। भुपियामऊ से देल्हूपुर से अभी एक तरफ का निर्माण हो पाया है। इसी को आवागमन के लिए खोला गया है। उसके आगे सोरांव तक कार्य तो चल रहा है, लेकिन कुंभ तक इसके पूरा होने पर संशय है।
15 जनवरी से ही कुंभ का मेला शुरू हो जाएगा। वहां पर कल्पवास करने वाले श्रद्धालु कई दिन पहले से ही जाने लगते है। इसके अलावा सामान्य ट्रैफिक भी इस पर रहा है। रोडवेज बसों में करीब दो दर्जन बसों को मेला क्षेत्र के लिए आरक्षित किया जा रहा है। इसे सड़क मार्ग से सफर आसान न होगा।
अब रेलवे की बात करें तो मौजूदा समय में महज दो ट्रेनें ही संगम नगरी के लिए चल रही है। पहली है सरयू एक्सप्रेस व दूसरी फैजाबाद-प्रयाग पैसेंजर ही चल रही है। मनवर संगम एक्सप्रेस, बरेली प्रयाग पैसेंजर, लखनऊ-प्रयागघाट पैसेंजर महीने से निरस्त हैं। इससे श्रद्धालुओं को कुंभ तक पहुंचने में परेशानी होगी। निजी वाहन का प्रयोग भी लंबे जाम के झाम में फंसकर समस्या पैदा कर सकता है। स्टेशन अधीक्षक त्रिभुवन मिश्र का कहना है कि मेला के दौरान कुछ स्पेशल ट्रेनों का संचालन संभावित है। इससे समस्या कुछ दूर होगी।