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गुजरात की वीणा कुंवर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं, माघ मेला में हुई घोषणा Prayagraj News

माघ मेला क्षेत्र में किन्‍नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने वीणा कुंवर को अखाड़े का महामंडलेश्‍वर बनाया है। यह घोषणा माघ मेला में की गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 04:13 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 08:35 PM (IST)
गुजरात की वीणा कुंवर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं, माघ मेला में हुई घोषणा Prayagraj News
गुजरात की वीणा कुंवर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं, माघ मेला में हुई घोषणा Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने गुजरात की किन्नर वीणा कुंवर को महामंडलेश्वर घोषित किया है। बताया कि उनका पट्टाभिषेक हरिद्वार कुंभ-2021 में होगा।

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नवनियुक्त महामंडलेश्वर वीणा कुंवर ने स्वामी वासुदेवानंद का आशीर्वाद लिया

माघ मेला क्षेत्र में आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि वीणा, गुजरात में किन्नर समाज की स्तंभ हैं। उनके जुडऩे से संगठन में मजबूती आएगी। किन्नरों की समस्याएं भी कम होंगी। अलोपीबाग स्थित भगवान शंकराचार्य आश्रम में पहुंचकर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और नवनियुक्त महामंडलेश्वर वीणा कुंवर ने स्वामी वासुदेवानंद का आशीर्वाद लिया। स्वामी वासुदेवानंद ने कहा कि किन्नर अखाड़े को मजबूत होना आवश्यक है। सभी प्रदेश, जिला, तहसील, ब्लाक, न्याय पंचायत व गांव-गांव तक किन्नर अखाड़े का फैलाव हो।

पांच महामंडलेश्वर, एक दर्जन पीठाधीश्वर और महंत घोषित हुए

किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि माघ मेले में पांच महामंडलेश्वर, एक दर्जन पीठाधीश्वर और महंत घोषित किए गए हैं। इन सभी का हरिद्वार कुंंभ में पट्टाभिषेक होगा।

राम, लक्ष्मण की झलक पाने को जनकपुरवासी बेताब

माघ मेले में सेक्टर चार स्थित रामानुजम मार्ग के समीप नीरज स्वरूप ब्रह्मचारी के शिविर में नौ दिवसीय रामकथा हो रही है। इसमें कथा वाचक राजेश मिश्रा ने राम विवाह का प्रसंग सुनाया। कहा कि जब लक्ष्मण को जनकपुर देखने की इच्छा हुई तब भगवान श्रीराम ने साथ में जाने का निर्णय किया। श्रीराम का कहना था कि लक्ष्मण जीव हैं और नगर माया का द्योतक हैं, इसलिए उनका साथ जाना आवश्यक है। जब श्रीराम और लक्ष्मण जनकपुर में भ्रमण पर निकले तो उनको देखने के लिए लोग अपने कामकाज छोड़कर मार्गों पर आ गए। दोनों भाइयों को देखकर जनकपुर की जनता ने खुशी जताई।


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